कुछ ऐसा ही कुछ महीने पहले हुआ यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के साथ, पार्टी में दो नंबर की हैसियत रखने वाले नेता शिवपाल यादव ने नई पार्टी का गठन कर दिया। लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने के लिए खूब तैयारी भी कर रहे हैं। उधर सपा में आपसी फूट पड़ती रही भाजपा समेत सपा के विरोधी दल खुशी से झूमते रहे। आखिरकार हाल ये हुआ कि जो अखिलेश यादव मजबूत विपक्ष बनने की राह पर थे वही शिवपाल के दूर जाते ही उन्हे बसपा के साथ की जरूरत पड़ गई।
लेकिन सपा में फूट के कुछ ही दिन के बाद भाजपा के मूल वोटबैंक में भी यूपी की राजनीति के दो बड़े नेताओं ने सेंध लगाने का काम शुरू कर दिया। पहले तो कुंडा से निर्दलीय विधायक और पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने जनसत्ता दल पार्टी का गठन कर क्षत्रिय वोटबैंक को अपनी ओर खींचने के लिए ताकत झोंक दिया। तो सोमवार को प्रतापगढ जिले के मौजूदा सांसद और अपना दल के नेता कुंवर हरिवंश सिंह ने अखिल भारतीय अपना दल का गठन कर भाजपा से जुटे क्षत्रिय वोट बैंक को अपने साथ लाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। हालांकि पार्टी का आधिकारिक ऐलान मंगलवार को लखनऊ में किया जायेगा लेकिन पत्रिका से बातचीत में सांसद हरिवंश ने आने वाले मजबूत से लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कही है।
लोकप्रिय हैं हरिवंश हरिवंश सिंह अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के सालों तक अध्यक्ष रहे हैं। देश भर में क्षत्रिय महासभा के बैनर तले लोगों को एकजुट करने का काम किया। खास बात ये है कि हरिवंश कि गिनती पूर्वांचल के बड़े उद्योगपतियों में भी की जाती है। हरिवंश ने मुंबई में काफी शोहरत भी हासिल की है। 2014 में प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर अपना दल भाजपा गठबंधन उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीत गये और संसद पहुंच गये।
इन लोकसभा सीटों पर प्रभाव हरिवंश सिंह का प्रतापगढ़ के साथ ही सुल्तानपुर, जौनपुर, और मछलीशहर लोकसभा सीट पर प्रभाव रखते हैं। अब अलग पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरेंगे। क्षत्रिय मतदाताओं के साथ ही महाराष्ट्र में रहने वाले पूर्वांचली लोगों को साधने की कोशिश भी करेंगे। वहीं राजा भैया की बात करें को वो भी प्रतापगढ़ के अलावा प्रयागराज, फतेहपुर, कौशांबी जैसी सीटों पर दमदारी से बाजी मारने में जुटे हैं। ऐसे में भाजपा के लिए वोटों का नुकसान 2019 में होने की संभावना जताई जा रही है।