नई दिल्ली। नगर निगम पर कर्मचारियों के वेतन के बोझ और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने घाटे का बजट पेश किया। निगम आयुक्त प्रवीण गुप्ता ने आगामी वर्ष 2016-17 के लिए 6 हजार करोड़ रुपए का प्रस्तावित संशोधित बजट पेश किया। इसमें 2,754 करोड़ रुपए के घाटे का नुकसान दिखाया गया है। इस घाटे को दूर करने के लिए एनडीएमसी हाउस टैक्स स्लैब में बढ़ाने पर विचार कर रहा है। इसमें पार्किंग, बिजली कपंनियों को दी गई जगह और अनाधिकृत कॉलोनियों से भी टैक्स वसूली का प्रावधान रखा गया है।
निगम आयुक्त पीके गुप्ता ने कहा कि निगम की आय का मुख्य स्त्रोत प्रॉपर्टी टैक्स होता है। इसके लिए कॉलोनियों का वर्गीकरण ए से एच कैटेगरी में किया गया है। प्रावधान के तहत ए, बी श्रेणी में संपत्ति कर 12 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी, सी, डी, ई श्रेणी का संपत्ति कर 11 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने का विचार कर रही है। एफ, जी एच श्रेणी का संपत्ति कर नहीं बढ़ाया जाएगा। साथ ही रिहायसी क्षेत्रों में चल रहे व्यवसायिक कारोबार पर 15 फीसदी की जगह 20 फीसदी प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाएगा।
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