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शिव प्रतिष्ठान संस्था संभाजी भिड़े केे समर्थन में पूरे राज्य में रैली निकालना चाहती थी। पुणे पुलिस ने सुरक्षा कारणों के चलते यह रैली करने की अनुमति नहीं दी। पर पुलिस ने समर्थकों को आजाद मैदान में जनसभा आयोजित करने के लिए इजाजत दे दी जिसके बाद बुधवार सुबह से ही मुंबई के आजाद मैदान में हजारों समर्थक जमा हो गए। भिड़े समर्थकों ने पुणे और सांगली की सडक़ों पर पैदल मार्च भी निकाला। सोमवार को दलित समुदाय के लोगों ने भिड़े की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आजाद मैदान में यलगार मार्च किया था। यह प्रदर्शन उसी का जवाब माना जा रहा है।
हिंसा वाले दिन घटना स्थल पर नहीं थे संभाजी : देवेंद्र फड़णवीस
इस प्रदर्शन से एक दिन पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने विधानसभा में बताया कि हिंसा वाले दिन भिड़े या उनके समर्थक इलाके में नहीं थे। भिड़े हिंसा के वक्त किसी के साथ फोन पर नहीं जुड़े थे। उन्होंने बताया कि एक महिला ने दावा किया था कि संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोटे के भीमा-कोरेगांव में हिंसा भडक़ाते हुए उन्होंने देखा था। हालांकि, जांच में भिड़े के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। बाद में महिला ने बयान दिया था कि उन्होंने भिड़े या एकबोटे को नहीं देखा था, लेकिन लोगों को उनका नाम लेते सुना था।