इस दौरान कुशल ने अपने को ठगा महसूस किया और फिर तीन माह का किश्त 39 हजार रुपए व सेटलमेंट के रूप में दो लाख ६१ हजार रुपए मेगमा फाइनेंस को जमा किया। इसके बाद कुशल जब भी अंकित को फोन करता तो नंबर बंद आ रहा था। एकाएक 22 जून 2019 को अंकित का फोन आया और कार वापस लेने के लिए बात करने लगा। इसके बाद रायगढ़ के एक होटल में दोनों के बीच बात हुई और बिना रुपए दिए रात में कुशल के घर के बाहर खड़ी कार को अंकित व अन्य लोग लेकर फरार हो गए। इस मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद कोतरा रोड थाना प्रभारी ने मामले की जांच शुरू की। मुखबिर से मिली सूचना पर अंकित को पकडऩे के लिए पहले ओडि़सा गई। ओडि़सा में अंकित नहीं मिला फिर पता चला कि वह रायपुर में छिपा हुआ है जिस पर थाना प्रभारी के नेतृत्व में टीम रायपुर गई और अंकित को अपने गिरफ्तार कर रायगढ़ लेकर आयी।
तीन और लोग हैं इसमें शामिल
जिस रात कार को कुशल के घर के सामने से लेकर गए उसके दूसरे दिन सुबह जब कुशल पतासाजी करने लगा तो पता चला था कि कार में चार लोग आए थे उन्ही लोगों ने गिरवी में रखी कार वापस ले गए। फिलहाल अंकित से इस मामले में संलिप्त तीन अन्य के बारे में पुलिस पूछताछ कर रही है।
सेटलमेंट की चल रही तैयारी
पहले तो फाइनेंस में ली कार को गिरवी रखकर अंकित ने किश्त ही नहीं पटाया। इसके बाद बिना रुपए दिए ही कार लेकर फरार हो गया, और अब जब पुलिस के गिरफ्त में आ गया है तो कार का बिक्रीनामा तैयार कर मामले को सेटल करने की तैयारी चल रही है। हांलाकि इस बारे में पुलिस के अधिकारी कुछ नहीं कह रहे हैं।