जिला अस्पताल में दवाईयों का टोटा
मरीजों को बाहर से लेना पड़ रहा दवा0 हेंडओवर के चक्कर में नहीं हो पा रही खरीदी
जिला अस्पताल में दवाईयों का टोटा
रायगढ़. जिला अस्पताल में इन दिनों आवश्यक दवाईयों का टोटा बना हुआ है। जिससे यहां उपचार कराने आने वाले मरीजों को ज्यादातर दवा बाहर से खरीदनी पड़ रही है, जिससे मरीजों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि हैंडओवर नहीं होने के कारण खरीदी नहीं हो पा रहा है, जिससे दिक्कत हो रही है।
गौरतलब हो कि विगत कई साल से जिला अस्पताल के भवन में ही मेडिकल कालेज अस्पताल संचालित हो रहा था, जिससे यहां रायगढ़ जिला के साथ-साथ जांजगीर, जशपुुर व ओडिशा प्रांत के भी मरीज बेहतर उपचार के लालसा लेकर पहुंच रहे थे, लेकिन अब विगत माहभर से मेडिकल कालेज अस्पताल को अब नए भवन में शिफ्ट किया जा रहा है, हालांकि लगभग सभी वार्ड से यहां शिफ्ट हो गया, लेकिन अभी तक ओटी व केजुअल्टी शिफ्ट नहीं हो सका है, जिसके चलते मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा जिला अस्पताल को हेंडओवर नहीं दिया गया है। जिससे यहां हो दवाईयां आ रही है वह मेडिकल कालेज के नाम से ही आ रही है। ऐसे में दवाएं तो आ रही है, लेकिन कुछ दवाई मेडिकल कालेज तो कुछ एमसीएच चले जा रहा है, जिससे जिला अस्पताल को बहुत कम दवाएं मिल रही है। ऐसे में जिला अस्पताल में अभी भी प्रतिदिन २०० से २५० मरीज आ रहे हैं, जिससे लिए दवाएं कम पड़ रही है, हालांकि कर्मचारियों द्वारा थोड़ा-थोड़ा करके सभी को दवा दिया जा रहा है, लेकिन कई दवाएं उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण मरीजों को बाहर से लेना पड़ता है। जिससे मरीज व परिजनों के सामने आर्थिक समस्या आ रही है।
रुटिन की दवाएं भी नहीं है उपलब्ध
गौरतलब हो कि जिला अस्पताल में विगत माहभर से कैल्शियम, बिटामिन, गैस की दवा तथा बडे लोगों के लिए कफ सिरफ उपलब्ध नहीं है, साथ ही कई और दवाएं भी हो नहीं आ पा रही है, ऐसे में इन दिनों अस्पताल आने वाले ज्यादातर मरीजों को गैस, कैल्शियम व बिटामिन की दवा की जरूरत पड़ रही है, जिससे उनको बाहर से अधिक दाम चुकाकर खरीदने की मजबूरी बनी हुई है।
दवा की नहीं हो पा रही खरीदी
इस संबंध में अस्पताली सूत्रों ने बताया कि जिस हिसाब से यहां मरीज पहुंच रहे हैं उसके लिए दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, पहले मेडिकल कालेज द्वारा अस्पताल संचालित होता था तो बाहर से भी दवा की खरीदी होती थी, लेकिन अब अलग तो हो गया है, लेकिन अभी तक हेंडओवर नहीं हो पाया है, इस कारण दवा खरीदी में समस्या आ रही है। हालांकि जैसे ही हेंडओवर होता है तो खरीदी शुरू हो जाएगी, जिससे सारी समस्या दूर हो जाएगी।
ओपीडी में मरीजों की लग रही लाईन
गौरतलब हो कि मेडिकल कालेज भवन में अस्पताल शुरू होने के बाद जिला अस्पताल के लगभग सभी वार्ड को बंद कर दिया गया है और सभी मरीजों को गुरु घासीदास चिकित्सालय में शिफ्ट किया गया है, लेकिन वहां ओटी व केजुअल्टी नहीं होने के कारण सर्जिकल वार्ड यहां चालू है, लेकिन अभी तक जिला अस्पताल में ओपीडी जांच के लिए पहले की तरह ही मरीजों की लाईन लग रही है, इस संबंध में मरीजों का कहना है कि मेकाहारा काफी दूर है, इस कारण ओपीडी जांच के लिए यहां पहुंच रहे हैं, लेकिन जब भर्ती करने की बात आती है तो मजबूरी में वहां जाना पड़ता है। ऐसे में अभी भी जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में ुकुछ खास कमी नहीं आई है।
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