इलाज में हुई देरी, नहीं तो बच जाती जान
पुलिस ने बताया कि मृतक के बेटे को जब घटना की जानकारी हुई तो वह उसे अस्पताल चलने के लिए कहने लगा। लेकिन जैमन अस्पताल जाने से मना कर दिया। पुलिस के अनुसार जैमन स्वयं झाड़-फूंक का काम करता था, जिससे उसको लग रहा था कि उसे कुछ नहीं होगा और वह अपने घर वालों से भी यही कहते हुए जिद पर अड़ा रहा। लेकिन कुछ देर बाद सांप का जहर फैलने से जैमन मदहोश होने लगा। इसके बाद उसके परिजन उसे जबरदस्ती अस्पताल लेकर गए। उपचार के दौरान रात करीब 12 बजे जैमन की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि अगर मृतक जल्दी अस्पताल पहुंच जाता तो उसकी जान बच सकती थी।
गांवों में अंधविश्वास अब भी हावी
ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी अंधविश्वास हावी है। चूंकि मृतक वैद्य था, झाडफ़ूंक करता था, इससे उसको लगने लगा कि सांप के जहर का उस पर कोई असर नहीं होगा। जबकि करैत सांप अन्य सांपों के मुकाबले सबसे अधिक जहरीला होता है। वहीं उसके जहर से बचने के लिए सही समय पर डॉक्टर के पास ही जाना उचित है। लेकिन आज भी लोग सांप के काटने से झाड़-फूंक व जड़ी-बूटियों पर ही भरोसा करते हैं। इसी अंधविश्वास के चलते कई लोग अपनी जान भी गवां चुके हैं। ऐसे में लोगों को जागरुक होने की जरूरत है।