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रायगढ़

चलती एंबुलेंस में हुआ बच्चे का जन्म फिर सांसें छोडऩे लगी साथ… मशक्कत के बाद आई अच्छी खबर

एक तो नवजात बच्ची का जन्म एंबुलेंस में ही हो गया, जब उसे अस्पताल लाया गया तो उसकी सांस अटकने लगी थी

रायगढ़Jan 13, 2018 / 05:50 pm

Rajkumar Shah

जब उसे अस्पताल लाया गया तो उसकी सांस अटकने लगी थी

एक तो नवजात बच्ची का जन्म एंबुलेंस में ही हो गया, जब उसे अस्पताल लाया गया तो उसकी सांस अटकने लगी थी

रायगढ़. एक तो नवजात बच्ची का जन्म एंबुलेंस में ही हो गया, जब उसे अस्पताल लाया गया तो उसकी सांस अटकने लगी थी, बच्ची की अटकती सांस ने परिजनों की सांस रोक दी थी,

बाद में मेडिकल कालेज अस्पताल के डाक्टरों ने उसका सफल आपरेशन किया और बच्ची को नई जिंदगी दी। डाक्टरों ने बताया कि दो दिन की नवजात बच्ची जो इसोफेजियल अट्रिशिया और टे्रकियो इशोफेजियल बीमारी से ग्रसित थी।

मिली जानकारी के अनुसार पतरापाली निवासी सरोज बघेल पति लक्ष्मण बघेल को 7 जनवरी को सुबह लेबर पेन हुआ। इसके बाद उसके परिजनों ने तत्काल एंबुलेंस से मेडिकल कालेज अस्पताल लेकर आने लगे, इसी दौरान रास्ते में ही एंबुलेंस के अंदर बच्ची का जन्म हो गया। इसके बाद उसे तत्काल मेडिकल कालेज अस्पताल लाया गया और लेबर रूम में भर्ती कराया गया।

लेकिन कुछ ही देर बाद नवजात बच्ची को सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी, बच्ची की उखड़ती सांस के बीच परिजनों की सांस अटक गई थी, इसके बाद अस्पताल के डाक्टरों द्वारा जब उसका जांच किया गया तो पता चला कि नवजात बच्ची का आहार नली बंद थी, वहीं स्वांस नली भी ठीक तरीके विकसित नहीं हो सकी थी।इस कारण उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी। इसके बाद पांच डाक्टरों की टीम द्वारा बच्ची का आपरेशन किया गया।
डाक्टरों का कहना है कि ऐसी बीमारी बहुत कम बच्चों में होती है। जबकि इतनी छोटी बच्ची का आपरेशन करना काफी जटिल था, लेकिन सब ठीक तरह से हो गया। अब बच्ची स्वस्थ बताई जा रही है।

दो दिन वेंटिलेटर पर रखा गया बच्ची को– डाक्टरों ने बताया कि नवजात के आपरेशन के बाद उसे दो दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया था। शुक्रवार को उसे वेंटिलेटर से निकाल दिया गया है। वहीं बच्ची आक्सीजन पाइप लगाया गया है। फिलहाल बच्ची की स्थिति ठीक बताई जा रही है।

इसमें लगी थी पांच डाक्टरों की टीम– नवजात बच्ची क आपरेशन में मेडिकल कालेज के पांच डाक्टरों की टीम लगी थी जिसमें प्रमुख रूप से दो सर्जन डॉ. शोभित माने और डॉ. विनोद एक्का थे। वहीं बेहोशी में डॉ. लकड़ा, डॉ. मंजूलता और डॉ. संदीप भगत की उपस्थिति में आपरेशन हुआ।

9 जनवरी को हुआ सफल आपरेशन– इस संबंध में डॉ. शोभित माने ने बताया कि नवजात बच्ची इसोफेजियल अट्रिजिया और टे्रकियो इशोफेजियल बीमारी से ग्रसित थी। इस कारण उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी। वहीं बच्ची फेफड़ा में इंफेक्शन हो जाने से उसकी स्थिति गंभीर हो रही थी। इस कारण बच्ची को किसी तरह से दो दिन तक आक्सीजन पर रखकर उसका आपरेशन किया गया।

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