पीएम आवास योजना के तहत हर व्यक्ति को पीएम आवास योजना का लाभ दिया जाना है। इसके लिए वर्ष 2022 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शुरुआत में इस योजना के तहत मोर जमीन मोर मकान योजना के तहत ऐसे हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जा रहा था, जिनके पास जमीन का पट्टा है। ऐसे में यह सवाल उठा कि कई लोग आबादी भूमि पर काबिज हैं, लेकिन इनके पास किसी प्रकार पट्टा नहीं होने से इसका लाभ नहीं मिल रहा था। ऐसे में आचार संहिता के पूर्व नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय महानदी भवन से एक आदेश जारी किया गया है।
गठित की गई है टीम
इस योजना के तहत हितग्राहियों को लाभ देने के शासन स्तर पर पांच सदस्यीय टीम भी गठित की गई है। नगर निगम क्षेत्र में टीम के अध्यक्ष के रूप में नगर निगम आयुक्त को शामिल किया गया है। साथ ही राजस्व अधिकारी को सचिव व निगम के वरिष्ठ अधिकारी सदस्य, भवन अनुज्ञा अधिकारी सदस्य व पीएम आवास योजना के नोडल अधिकारी को सदस्य बनाया गया है। वहीं नगर पंचायत क्षेत्रों में नगर पंचायत के सीईओ को अध्यक्ष व राजस्व अधिकारी को सचिव व वरिष्ठ अभियंता को सचिव बनाया गया है।
बताया जा रहा चुनावी फंड
हालांकि विपक्ष के लोग इसे चुनावी फंडा बता रहे हैं। विपक्ष की माने तो आचार संहिता के पहले ही इस योजना को लागू किया गया है, जबकि क्षेत्र के लोगों की यह लंबे समय से मांग थी कि आबादी भूमि पर काबिज लोगों को पट्टा दिया जाए। यह मांग लंबे समय से की जा रही थी, लेकिन इसमें सुनवाई नहीं हुई। अब लोगों को रिझाने के लिए इस योजना को लाए जाने की चर्चा है।