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जहां नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने का कारखाना मिला, वहीं से रायपुर में मंगाए गए थे 200 इंजेक्शन

जिस शहर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने का कारखाना चल रहा था, वहीं के संदिग्ध एजेंसी से रायपुर के दवा कारोबारी ने 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगाया था।

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इंदौर। कालाबाजारी करने वालों ने हदे ही बार कर दी है, अब नकली इंजेक्शन बेच कर कमा रहे हैं पैसा।

रायपुर. जिस शहर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Duplicate Remedesivir injections) बनाने का कारखाना चल रहा था, वहीं के संदिग्ध एजेंसी से रायपुर के दवा कारोबारी ने 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगाया था। इसकी भनक लगते ही ड्रग विभाग और पुलिस ने कारोबारी के ठिकाने पर छापा मारा और उनके दस्तावेजों की जांच की।

दवा कारोबारी ने सूरत की एक फार्मा एजेंसी को 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई करने का आर्डर दिया था। आशंका है कि नकली इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह ने उस एजेंसी को भी माल भेजा था। हालांकि रायपुर के दवा कारोबारी ने थाने में उस एजेंसी के खिलाफ आर्डर पूरा नहीं करने की शिकायत की है। फिलहाल पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में पुलिस नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से जुड़ा मामला होने से इनकार किया है।

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पुलिस के मुताबिक माना इलाके में डायमंड एजेंसी के नाम से दवा का कारोबार करने वाले पंकज जैन ने थाने में लिखित शिकायत की है। इसमें उन्होंने बताया है कि सूरत के आदिनाथ डिस्पोजल एजेंसी को 14 अप्रैल को 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन व अन्य सामान सप्लाई करने का आर्डर दिया गया था। इसके लिए 6 लाख 80 रुपए का एडवांस भुगतान कर दिया गया था। राशि का एडवांस भुगतान करने के बावजूद उन्हें इंजेक्शन नहीं दिया गया है। इसकी शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

नकली की आशंका पर जांच
सूरत और जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Fake Remdesivir Injection) बनाने वालों की गिरफ्तारी के बाद संदेह के आधार पर ड्रग विभाग और पुलिस की टीम डायमंड एजेंसी पहुंची। और उनके स्टॉक, दस्तावेज व रेमडेसिविर इंजेक्शन के आर्डर संबंधी जानकारी ली। पुलिस का कहना है कि फिलहाल नकली इंजेक्शन से जुड़ा कोई सबूत नहीं मिला है। सूरत से इंजेक्शन सप्लाई नहीं हो पाई है।

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कारोबारी को नोटिस जारी
माना पुलिस ने कारोबारी पंकज को नोटिस जारी किया है। इसमें उनसे 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगाने का आधार, दस्तावेज व अन्य जानकारी मांगा है। उल्लेखनीय है कि नकली रेमडेसिविर का मामला सामने आने के बाद पुलिस और ड्रग विभाग अधिक मात्रा में इंजेक्शन खरीदने और बेचने वालों पर नजर रखे हुए हैं। पुलिस के मुताबिक सूरत वालों ने पंकज से स्वयं संपर्क किया था और इंजेक्शन देने का दावा किया था।

रायपुर माना थाना के टीआई दुर्गेश रावटे ने कहा, पंकज ने 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन का आर्डर दिया था। आर्डर पूरा नहीं होने पर आदिनाथ डिस्पोजल एजेंसी के खिलाफ लिखित शिकायत की है। पुलिस इसकी जांच कर रही है। साथ ही इतनी मात्रा में इंजेक्शन मंगाने के संबंध में भी वैध दस्तावेजों की मांग की गई है।