ईवीएम को अलग कर दिया गया और अन्य बूथों में पड़े मतों की गणना की गई। अंत में जब सभी मतदान केंद्रों और बूथों की गणना हो गई, तब जीत हार का अंतर 23 हजार से भी ज्यादा निकला। ऐसी स्थिति में पर्यवेक्षकों व प्रत्याशियों की सहमति पर इस मशीन से गणना ही नहीं की गई और बिना मतगणना के ही नतीजे जारी कर दिए गए।
हार जीत पर कोई असर नहीं
रायपुर उत्तर में कुल 1,12,374 कुल वोट डाले गए। जिसमें पुरंदर मिश्रा को 54,279 मत मिले। उन्होंने 23,054 वोट से कुलदीप जुनेजा को हराया था। ऐसे में 568 वोट के कम होने से हार जी पर कोई फर्क नहीं पड़ता। इसकी वजह से सभी प्रत्याशियों से सहमति लेकर ईवीएम में पड़े वोट की गणना ही नहीं की गई।
यह है नियम
गणना के दौरान जिन ईवीएम में गड़बड़ी सामने आती है, तो उसका निर्णय अंतिम होता है। उनके मतों की गणना अंत में की जाती है। अंत में अगर हार जीत का अंतर मशीन में पड़े मतों से ज्यादा हो तो फिर उसकी गणना अमान्य की जाती है। यदि हार जीत का अंतर इसके करीब है तब माकपोल में पड़े वोटों अलग करके गिनती की जाती है।
पंडरीतराई बूथ में मॉकपोल के डेटा को रिसेट नहीं किया गया था, इसकी वजह से मतदान और मशीन के आंकड़ों के अंतर देखने को मिला। हार जीत का अंतर काफी ज्यादा होने की वजह से पर्यवेक्षक और प्रत्याशियों की सहमति से इस मशीन से मतों की गणना नहीं की गई। -बीबी पंचभाई, रिटर्निंग आफिसर, रायपुर उत्तर विधानसभा