विपक्ष का संशोधन प्रस्ताव भी खारिज हो गया। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से पेश किए गए शासकीय संकल्प को लेकर विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। रात करीब नौ बजे चार मंत्री रविन्द्र चौबे, कवासी लखमा, मोहम्मद अकबर और डॉ. शिव डहरिया राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को पारित हुए आरक्षण का प्रस्ताव सौंपा। हालांकि राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं हो पाए।
केंद्र को भेजेंगे शासकीय संकल्प
विधानसभा में विपक्ष की गैर मौजूदगी में शासकीय संकल्प भी पारित किया है। इसके जरिए संशोधित विधेयक को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया जाएगा। यदि यह संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल होगा, तो इसे न्यायालयीन चुनौती नहीं दी जा सकेगी। इस प्रस्ताव पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। कहा कि, यह भानुप्रतापपुर उपचुनाव में लाभ लेने का राजनीतिक प्रयास है। केंद्र सरकार के पाले में गेंद डालने के लिए यह प्रस्ताव जल्दबाजी में लाया गया है।
नहीं तो मंत्री पद से दे दूंगा इस्तीफा
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मंत्री कवासी लखमा ने कहा, भानुप्रतापपुर उपचुनाव कांग्रेस ही जीतेगी। यदि चुनाव नहीं जीते तो मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा और सदन में कभी नहीं आउंगा।
सदन स्थगित, अब शीतकालीन सत्र 2 जनवरी से
विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा, विधानसभा का सत्र 2 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है। अब विधानसभा का शीतकालीन सत्र 2 से 6 जनवरी तक होगा।
अब आगे ये होगा
संशोधित विधेयक को राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया है। उनके हस्ताक्षर होने के बाद इसे राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद ही यह लागू होगा। वहीं शासकीय संकल्प के माध्यम से इस विधेयक को केंद्र की नौवीं अनुसूची में शामिल करने भेजा जाएगा।
पहले इतना था आरक्षण
अनुसूचित जाति – 12 प्रतिशत
अनुसूचित जनजाति – 32 प्रतिशत
ओबीसी – 14 प्रतिशत
सीएम बोले- हम दो महीने में विधेयक लाए
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, विपक्ष बार-बार घूम फिरकर विधेयक को लेकर सवाल उठा रहे हैं। जबकि भानुप्रतापपुर की सीट कांग्रेस की थी और उपचुनाव के बाद भी कांग्रेस की रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, आरक्षण को लेकर भाजपा ने आठ साल में कुछ नहीं किया। अब हम पर आरोप लगा रहे हैं कि जल्दीबाजी में प्रस्ताव लाया गया है। हमने दो माह में ही विधेयक ले आया।
विपक्ष भानुप्रतापपुर उपचुनाव हार रहा है। हार के बाद दिल्ली वालों को बताने के लिए कुछ नहीं रहेगा। इसलिए ये अब विधेयक को लेकर सवाल कर रहे हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर सहित विपक्ष के अन्य लोगों ने कहा, भानुप्रतापपुर उपचुनाव का राजनीतिक लाभ लेने के लिए लाया गया है। इस विधेयक को उपचुनाव के बाद भी लाया जा सकता था।