
RTE के तहत लिया दाखिला, पर 21.45 प्रतिशत स्टूडेंट्स ने बीच में ही छोड़ा स्कूल
रायपुर. Right To Education News: छत्तीसगढ़ के निम्न परिवार के बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा मिले, इसलिए शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत पिछले 10 वर्षों में 4 लाख से ज्यादा छात्रों को प्रवेश दिया गया। आरटीई नियम (RTE Rule) के तहत छात्रों ने प्रवेश तो लिया, लेकिन मनमाफिक सुविधा नहीं मिलने पर पिछले 10 वर्षों में प्रदेश के स्कूलों में पढ़ने वाले 21.45 प्रतिशत बच्चों ने शिक्षा बीच में छोड़ दी।
शाला त्यागी बच्चों का आंकड़ा 21.45 प्रतिशत आने पर विभागीय अधिकरियों ने चिंता जाहिर की है। विभागीय अधिकारियों का कहना है, बच्चों को स्कूल बुलाने का प्रयास किया जा रहा है। आने वाले दिनों में शाला त्यागी बच्चों का आंकड़ा कम हो, इसी प्रयास में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी लगे हुए हैं।
वनांचल के छात्रों ने ज्यादा छोड़ा स्कूल
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शहरी इलाके के अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में शाला त्यागने वाले छात्रों की संख्या ज्यादा है। प्रदेश के नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और सक्ती में बड़ी संख्या में बच्चों ने स्कूल छोड़ा है। इन बच्चों को स्कूल वापस बुलाने के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा पिछले दिनों अभियान चलाया जा रहा था। कोरोना की वजह से यह अभियान अभी बंद है।
इस वजह से छोड़ रहे स्कूल
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छात्र स्कूल क्यों छोड़ रहा है? इसका आकलन विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा किया गया। आकलन के दौरान पता चला कि स्कूल में पढ़ने के दौरान निम्न तबके के जिन छात्रों का पढ़ाई में मन नहीं लगता, वो धीरे-धीरे स्कूल जाना छोड़ देते हैं। ग्रामीण इलाको में परिजन भी ज्यादा ध्यान नहीं देते और बच्चों का स्कूल छूट जाता है।
कई परिजन काम के लिए पलायन करते है, तो अपने बच्चों को साथ लेकर जाते है और उनका स्कूल बंद करवा देते हैं। शिक्षा के प्रति छात्र और परिजन जागरूक हो, इसलिए विभागीय अधिकारियों द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाता है। कोरोना काल में कई छात्रों ने पलायन किया है। संक्रमण के प्रकोप के कारण छात्र-परिजनों से संपर्क नहीं हो रहा, जिस वजह से वर्तमान में परेशानी हो रही है।
ड्रॉप आउट रोकने का चल रहा है प्रयास
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने कहा, बच्चों की जब पढ़ाई नहीं होती या जो बच्चा सीख नहीं पाता है। वो बीच में स्कूल छोड़ देता है। कई बार परिजनों के पलायन से छात्रों का स्कूल छूट जाता है। कोरोना काल में यह चुनौती बढ़ गई है। ड्रॉप आउट को कम करने का लक्ष्य रखा गया है और इस कम करने के संबंध में निर्देश अधीनस्थ अधिकारियों को जारी किए हैं।
फैक्ट फाइल
कक्षा शाला त्यागियों की संख्या
नर्सरी- 705
केजी- 12 हजार 364
केजी 2- 24 हजार 708
पहली 6 हजार 150
दूसरी 7 हजार 531
तीसरी 6 हजार 710
चौथी 5 हजार 518
पांचवी 4 हजार 438
छठवी 4 हजार 109
सातवीं 2 हजार 551
आठवी 1 हजार 504
नौवीं 488
दसवीं 42
पिछले 10 सालों में आरटीई में इतना दाखिला
साल दाखिला
2011-12 22 हजार
2012-13 25 हजार 84
2013-14 33 हजार 560
2014-15 44 हजार 117
2015-16 25 हजार 875
2016-17 37 हजार 933
2017-18 41हजार 935
2018-19 40 हजार 216
2019-20 48 हजार 119
2020- 21 52 हजार 676
2021-22 47 हजार 382
शैक्षणिक सत्र आरटीई की सीट भरी हुई सीटें दाखिला प्रतिशत
2018-19 80 हजार 109 40 हजार 216 50.20
2019-20 84 हजार 468 48 हजार 119 56.97
2020- 21 81ं हजार 356 52 हजार 676 64.75
2021-22 83 हजार 6 47 हजार 382 53.60
Published on:
21 Jan 2022 05:33 pm
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