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हाईकोर्ट ने अपने फैसले में राज्य सरकार की उच्च स्तरीय छानबीन समिति के उस निर्णय पर स्थगन दिया था, जिससे अजीत जोगी का जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया गया था। याचिकाकर्ता और भाजपा नेता संत कुमार नेताम ने बताया, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति जोसेफ की पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले को सही माना।
उनका कहना था, तकनीकी आधार पर छानबीन समिति के निर्णय को खारिज करना सही था। अदालत को बताया गया था, उच्च स्तरीय छानबीन समिति का गठन कानूनी तरीकों से राजपत्र में प्रकाशन कर नहीं किया गया था। ऐसे में उसका निर्णय गलत था। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पहले ही बता चुके थे कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद नई उच्च स्तरीय छानबीन समिति जाति की जांच शुरू कर चुकी है। वहीं अजीत जोगी की ओर से बताया गया, अदालत ने इस मामले में अलग से कोई निर्देश जारी करने से इनकार किया है।