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रायपुर

वेतन से मास्क व सेनिटाइजर खरीदकर गरीबों को बांटा, मासूम को छोड़कर रहना पड़ा क्वारंटाइन

15 वर्षों से समाजसेवा में जुटी शिक्षिका- कोरोना से बचने झुग्गी-झोपडिय़ों में रहने वालों को सोशल डिस्टेंसिंग की दिलाई शपथ

रायपुरJul 27, 2020 / 08:44 pm

Manish Singh

15 वर्षों से समाजसेवा में जुटी शिक्षिका,

स्लम बस्तियों में कोरोना का ज्यादा प्रकोप फैल रहा है। राजधानी में बहुत से ऐसे गरीब लोग हैं, जो कोरोना से बचने के लिए मास्क और सेनिटाइजर खरीदने में असमर्थ हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का भी पालन नहीं कर रहे हैं।

कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अमला प्रयासरत है और सैंपल कलेक्शन व जांच क्षमता बढ़ाई जा रही है। लेकिन, इसके बावजूद हालात सुधर नहीं रहे हैं। स्लम बस्तियों में कोरोना का ज्यादा प्रकोप फैल रहा है। राजधानी में बहुत से ऐसे गरीब लोग हैं, जो कोरोना से बचने के लिए मास्क और सेनिटाइजर खरीदने में असमर्थ हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का भी पालन नहीं कर रहे हैं।
ऐसी स्थिति में टिकरापारा की रहने वाली शिक्षिका डॉ. मीना शर्मा गरीबों की मदद में जुटी हुई हैं। राजधानी में जब से कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई है, तब से डॉ. मीना शर्मा अपने वेतन से मास्क और सेनिटाइजर खरीदकर झुग्गी-झोपडिय़ों में रहने वाले गरीबों में बांट रही हैं। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग के संबंध में लोगों को जागरूक भी कर रही हैं। डॉ. मीना शर्मा ने बताया कि इस दौरान उन्हें ढाई साल के बच्चे को छोड़कर 15 दिनों तक क्वारंटाइन भी रहना पड़ा है। उन्होंने बताया कि कोरोना की अब तक कोई दवा नही बनी है। मास्क लगाकर, सेजिटाइजर का इस्तेमाल, बार-बार हाथ धुलकर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके ही कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।
मंत्री ने कोरोना वारियर्स से किया सम्मानित
डॉ. मीना शर्मा के सामाजिक कार्यों को देखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भेडिय़ा ने कोरोना वारियर्स के सम्मान से सम्मानित किया है, उन्हें सम्मान व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। डॉ. मीना शर्मा धरसींवा के स्थित शासकीय उमा माध्यमिक विद्यालय परसतराई में व्याख्याता पद कार्यरत हैं और विगत 15 साल से सामाजिक कार्यों में जुटी हुई हैं। वह कई निर्धन बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा भी देती है। उन्होंने कई निर्धन कन्याओं का विवाह भी कराया है। डॉ. मीना शर्मा ने बताया कि मार्च में लॉकडाउन लगते ही गरीबों के सामने भोजन और कपड़े की समस्या आने लगी। उन्होंने चौक-चौराहों पर खड़े होकर जरूरतमंदों को भोजना और कपड़ा वितरित किया।
सास-ससुर ने दिया पूरा सहयोग
डॉ. मीना शर्मा ने बताया कि सास कांति शर्मा और ससुर डॉ. एसआर शर्मा के सहयोग के बिना समाजसेवा व कोरोना महामारी में गरीबों की मदद करना असंभव था। उनकी प्रेरणा और सहयोग से यह कार्य संभव हो सका है। उनका कहना है कि वह जीवनभर गरीबों की मदद करती रहेंगी। कवि जयशंकर प्रसाद की यह पक्ति ‘इस पथ का उद्देश्य नहीं है, शांत भवन में टिक रहना। किंतु पहुंचना उस सीमा तक, जिसके आगे राह नहींÓ समाजसेवा के लिए सदैव प्रेरणा देती रहती है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए भी काम

डॉ. मीना शर्मा पर्यावरण संरक्षण के लिए भी काम करती है। उनका कहना है कि प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए पौधरोपण बहुत जरूरी है। गत दिनों धरसींवा विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा की मदद से उन्होंने धरसींवा में हजारों पौधे लगावाएं हैं।

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