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रायपुर

ऑपरेशन के लिए दो हार्ट सर्जन, लेकिन एनेस्थेटिस्ट, परफ्यूजिनिस्ट व फिजिशियन असिस्टेंट नहीं

Bypass Surgery: छत्तीसगढ़ को राज्य बने 23 साल गुजर गए, लेकिन प्रदेश में दिल की बायपास सर्जरी शुरू नहीं हो पाई है।

रायपुरNov 26, 2023 / 03:05 pm

योगेश मिश्रा

ऑपरेशन के लिए दो हार्ट सर्जन, लेकिन एनेस्थेटिस्ट, परफ्यूजिनिस्ट व फिजिशियन असिस्टेंट नहीं

ऑपरेशन के लिए दो हार्ट सर्जन, लेकिन एनेस्थेटिस्ट, परफ्यूजिनिस्ट व फिजिशियन असिस्टेंट नहीं

रायपुर। Bypass Surgery: छत्तीसगढ़ को राज्य बने 23 साल गुजर गए, लेकिन प्रदेश में दिल की बायपास सर्जरी शुरू नहीं हो पाई है। आंबेडकर अस्पताल में एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट एसीआई शुरू हुए 6 साल बीत चुके हैं। अस्पताल में दो रेगुलर कार्डियक सर्जन हैं, लेकिन सर्जरी के दौरान मदद करने वाले एनेस्थेटिस्ट, परफ्यूजिनिस्ट व फिजिशियन असिस्टेंट नहीं होने के कारण बायपास सर्जरी नहीं हो पा रही है। यही नहीं ट्रेंड नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की भी जरूरत है।
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बायपास सर्जरी कराने वाले मरीजों की वेटिंग 1400 से ऊपर पहुंच चुकी है। इसमें 15 से ज्यादा मरीजों की मौत भी हो चुकी है। वहीं कइयों ने 3 से 4 लाख रुपए खर्च कर निजी अस्पतालों में सर्जरी कराई।
एस्कार्ट हार्ट सेंटर बंद होने के बाद एसीआई 1 नवंबर 2017 में शुरू हुआ था। यहां कार्डियोलॉजी और कार्डियो थोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी यानी सीटीवीएस विभाग है। सीटीवीएस विभाग में बायपास सर्जरी शुरू की जानी है। अभी फेफड़े व खून की नसों की सर्जरी की जा रही है, पर हार्ट की बायपास सर्जरी नहीं हो पा रही है। अस्पताल में संविदा में एक एनेस्थेटिस्ट थी, लेकिन सड़क दुर्घटना के बाद वह लंबी छुट्टी में चली गई है। एसीआई में उन्हें हर माह 95 हजार रुपए दिया जा रहा था। जबकि निजी अस्पतालों में ढाई लाख रुपए वेतन दिया जा रहा है।
स्थिति ये है कि संविदा में भी परफ्यूजिनिस्ट नहीं मिल रहे हैं। दरअसल यहां ज्वाइन करने वालों को हर माह 18 से 22 हजार रुपए वेतन दिया जाएगा। जबकि निजी अस्पतालों में 60 से 70 हजार रुपए वेतन हर माह दिया जा रहा है। वहीं फिजिशियन असिस्टेंट को 60 हजार वेतन देने का प्रस्ताव है। वहीं निजी में एक लाख रुपए दिया जा रहा है।
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एम्स में लंबी वेटिंग निजी का सहारा

एसीआई आने वाले मरीजों को एम्स रैफर किया जाता है, लेकिन ज्यादातर मरीज लंबा इंतजार न करते हुए निजी अस्पतालों में सर्जरी कराते हैं। एसीआई में आयुष्मान व डॉ. खूबचंद बघेल कार्ड वालों का फ्री ऑपरेशन होगा। जबकि बिना कार्ड वालों का डेढ़ लाख में इलाज हो जाएगा। वहीं निजी अस्पतालों में बायपास सर्जरी के लिए 3 से 4 लाख रुपए खर्च हो रहा है। इसलिए बिना कार्ड वाले मरीजों को यह भारी पड़ रहा है। कार्ड वाले मरीजों को भी पैकेज के अलावा अतिरिक्त राशि देनी पड़ रही है।
सर्जरी तो दूर भर्ती के लिए भी नहीं बना नियम
दिल के मरीजों के लिए बायपास सर्जरी तो दूर अभी रेगुलर व संविदा भर्ती के लिए नियम ही नहीं बन पाया है। विभाग ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को नियम बनाकर भेज दिया है, लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिली है। विधानसभा चुनाव तक अभी भर्ती नियम को मंजूरी मिलने की कोई संभावना भी नहीं है। चुनाव तब तक बायपास सर्जरी भी अटकी रहेगी। तब तक मरीजों को निजी अस्पतालों का ही सहारा रहेगा। एसीआई में 138 पदों पर भर्ती की जाएगी।
इसमें डॉक्टर के अलावा नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ भी शामिल है। वॉल्व रिप्लेसमेंट और थोरेसिक सर्जरी हो रही एसीआई में वॉल्व रिप्लेसमेंट, फेफड़े, छाती व वेस्कुलर यानी खून की नसों की सर्जरी हो रही है। इसमें कई ऐसे केस हुए हैं, जो प्रदेश में पहली बार है। सितंबर में हुए वॉक इन इंटरव्यू में एक कार्डियक पीडियाट्रिक सर्जन का चयन हुआ था, लेकिन वेतन कम होने का हवाला देते हुए ज्वाइन करने से ही इनकार कर दिया। अस्पताल में संविदा असिस्टेंट प्रोफेसर को 95 हजार रुपए वेतन दिया जा रहा है। सुपर स्पेश्यालिटी डॉक्टरों का अलग कैडर व प्रमोशन नियम नहीं बनने के कारण अब नए डॉक्टर ज्वाइन करने से हिचक रहे हैं।
अब मिल सकती है मंजूरी

भर्ती नियम को शासन को भेजा जा चुका है। चुनाव के बाद इसे मंजूरी मिल सकती है। फिर जरूरी पदों पर भर्ती भी की जाएगी।

डॉ. विष्णु दत्त, डीएमई छत्तीसगढ़
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बायपास सर्जरी डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के पैकेज के तहत की जा रही है। अस्पताल में ऐेसे काफी मरीज आ रहे हैं।

डॉ. देवेंद्र नायक, चेयरमैन बालाजी अस्पताल

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