उधर, 15 दिन पहले तक प्रदेश के 6 जिले कोरोना मुक्त थे, अब सिर्फ सुकमा और नारायणपुर ही रहे गए हैं जहां एक्टिव मरीज शून्य हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। रायगढ़ में एक्टिव मरीजों की संख्या 60 जा पहुंची तो वहीं प्रदेश आंकड़ा 328 पहुंच गया है। राज्य के लिए राहत इतनी है कि बीते 7 दिनों से मौत का आंकड़ा शून्य है।
प्रदेश की 90 प्रतिशत लक्षित आबादी को लगा पहला डोज
ऐसे में प्रदेश में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने धान खरीदी केंद्रों में भी स्वास्थ्य विभाग की टीकाकरण टीमें तैनात की गई हैं। इधर, गुरुवार को राज्य की 90 प्रतिशत आबादी को पहला डोज लग गया, जो बड़ी उपलब्धि है। 10 प्रतिशत यानी करीब 20 लाख लोग अभी भी टीकाकरण से इससे बचे हुए हैं। तो वहीं 49 प्रतिशत आबादी को दोनों टीके लग चुके हैं।
यह भी पढ़ें: ओमिक्रॉन को लेकर अलर्ट: विदेश से लौटे 19 लोग लापता, स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस को दी सूचना यह अभियान लंबा चलेगा, क्योंकि जिन्हें आज कोविशील्ड का पहला डोज लगा है तो समझिए कि इन्हें 12 से 16 हफ्ते यानी 3 महीने से अधिक समय के बाद दूसरा डोज लगेगा। 30 नवंबर को मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कोरोना टीकाकरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य जल्द हासिल करने के लिए कलेक्टरों को निर्देश दिए थे। कई केंद्रों में पहुंचे किसानों को टीके लगाए गए।
राजधानी की स्थिति : रायपुर में 6 मरीज रिपोर्ट हुए। इनमें से एक ने कॉल रिसीव नहीं किया, 3 के फोन बंद पाए गए। इनमें से 1 मरीज स्वर्ण भूमि, 1 संतोषी नगर, 1 मोवा, 1 सिमगा और 2 मोती नगर के रहने वाले हैं, इनमें एक की उम्र 16 वर्ष है।
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इधर, कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को देखते हुए सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को सैंपल जांच क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल का कहना है कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में रैंडम जांच की जा रही है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट, कलेक्ट्रेट तथा सभी स्वास्थ्य केंद्रों में जांच हो रही है। रायपुर में रोजाना 4450 का लक्ष्य मिला है, जिसमें से 3500 के ऊपर जांच की जा रही है। कहीं पर कोरोना जांच बंद नही की गई थी।