ग्रामीणों का कहना है कि रात होते ही प्लांट से निकलने वाला धुआं उनके घरों में घुस जाता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है और कई बार तो बच्चों और बुजुर्गों को अस्पताल भी ले जाना पड़ा है। पंच हेमत बंजारे ने कहा हमारी रातें अब डरावनी हो गई है। हम सो नहीं पा रहे हैं, क्योंकि धुएं की गंध से हमें परेशानी होती है।
CG News: ग्रामीणों को हो रही दिक्कत
इस मुद्दे पर स्थानीय प्रशासन की चुप्पी भी ग्रामीणों के गुस्से को बढ़ा रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करे और इस टीएमटी प्लांट को प्रदूषण नियंत्रण उपायों का पालन करने के लिए मजबूर करे।
इस बीच पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी इस मामले पर चिंता व्यक्त की है और सरकार से तत्काल कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि समस्या का समाधान नहीं किया गया तो यह न केवल
स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होगा, बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
ग्रामीणों ने भी एकजुट होकर एक ज्ञापन तैयार किया है, जिसे जल्द ही प्रशासन को सौंपा जाएगा। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस धरसीवां ब्लॉक अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद बंजारे कहना है कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।