बिलासपुर के एक होटल में शनिवार सुबह शाह की मौजूदगी में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक और नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल ने उइके को भाजपा का गमछा पहना दिया। मीडिया के सामने उइके ने एक पर्चा पढ़ा।
कहा, कांग्रेस की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। कांग्रेस अब गरीब और आदिवासी विचारधारा वाली पार्टी नहीं रही। सीडी बनाना ही उनका काम रह गया। इस गिरावट की शिकायतों के बाद भी प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को पार्टी के अध्यक्ष पद से पृथक नहीं किया गया जिससे लगा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की भी इसमें सहमति है।
ये जाहिर हो गया कि हालात अब उनके बस में भी नहीं है। कांग्रेस में घुटन और आपसी झगड़े को देखकर घर वापसी का फैसला लिया। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि उइके लंबे समय तक पार्टी में रह चुके हैं। वे आदिवासी समाज से जुड़े हैं। उनके आने से पाली- तानाखार ही नहीं पूरे प्रदेश में आदिवासी समाज को फायदा होगा। पार्टी को मजबूती मिलेगी। खबर है कि शाह की टीम, कांग्रेस के 9 और विधायकों से संपर्क में है।
इनमें से कई पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रमुख अजीत जोगी के नजदीकी रह चुके हैं। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने इससे जुड़ी पूरी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी है। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया भी हालात संभालने की कोशिश में जुट गए हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, पार्टी अंतागढ़ उपचुनाव जैसे हालात से निपटने की तैयारी भी कर रही है। 2014 के अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार ने नाम वापसी के अंतिम दिन नामांकन वापस ले लिया था। इससे कांग्रेस बिना लड़े ही चुनाव हार गई। उसके कुछ दिन बाद पवार भाजपा में शामिल हो गए।
जोगी के संपर्क में थे उइके
कांग्रेस छोडऩे से पहले रामदयाल उइके ने अजीत जोगी से भी बात की थी। जोगी ने संवाददाताओं को बताया, उन्हें दो दिनों से रामदयाल का फोन आ रहा था। उनसे बात हो रही थी। उनका मन उदास लग रहा था। जोगी ने कहा, उइके कह रहे थे कि वे कांग्रेस छोड़ देंगे लेकिन विश्वास नहीं हो रहा था, क्योंकि वे कार्यकारी अध्यक्ष थे।
कांग्रेस बोली, कोई फर्क नहीं पड़ता
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा, उइके हर फैसले में साथ रहे। उनको मान-सम्मान दिया। भाजपा से उन्हें इससे अलग कुछ मिला हो तो वही बता सकते हैं। उन्होंने कहा, उइके के जाने से पार्टी को फर्क नहीं पड़ता। प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा, रामदयाल उइके को कांग्रेस ने बहुत मान-सम्मान दिया। उनका पार्टी छोडक़र जाना अवसरवादिता की राजनीति है। लेकिन इस बार वे अवसर ठीक से पहचान नहीं पाए। वैसे भी वे जिस दल में जाते हैं, उसकी सरकार चली जाती है।
इधर, बस्तर में छविंद्र कर्मा की बगावत, विधायक मां देवती के खिलाफ निर्दलीय लडऩे का ऐलान
दंतेवाड़ा . उधर, विधायक देवती कर्मा के पुत्र छविंद्र कर्मा ने मां के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। शनिवार को संवाददाताओं से बात करते हुए छविंद्र ने खुद को जनता की सेवा करने वाला स्वयंसेवक कहते हुए चुनावी मैदान में उतरने की बात कही। छविंद्र का दावा है कि उनके साथ २०० अन्य कार्यकर्ता भी हैं। इधर, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा, छविंद्र परिवार के सदस्य हैं, उनसे बातचीत कर मना लिया जाएगा।