अपन घर म बिरान हिंदी तिथि
आज कोनो भी बने पढ़े-लिखे मनखे ल हिंदी महीना अउ तिथि बताय ल कहिबे त वो हड़बड़ा जही।
अपन घर म बिरान हिंदी तिथि
हिंदी महीना के गियान परायमरी कक्छा म देय के औपचारिकता के बाद कोनो मनखे ल हिंदी महीना अउ तिथि के चिंता करे के सुध नइ राहय। आज कोनो भी बने पढ़े-लिखे मनखे ल हिंदी महीना अउ तिथि बताय ल कहिबे त वो हड़बड़ा जही।
हिंदी महीना अउ तिथि के उपयोगिता सिरिफ बिहाव कारडभर म रहि गे हे। इहां तक के छ_ी, सोक पत्र अउ कतको आमंत्रन-निमंत्रन पत्र म घलो कोनो हिंदी महीना अउ तिथि के उल्लेख नइ करे बर चाहंय। हमर जम्मो परब तिहार हिंदी महीना अउ तिथि के मुताबिक परथे नइते, हिंदी महीना अउ तिधि के का दसा होतिस, ये कल्पना ले बाहिर हे।
संसो के बात हरय के हमन ल अंगरेजी महीना अउ तारीख तो मुअखरा सुरथा रहिथे, फेर हिंदी महीना अउ तिथि बताय बर हम मुंह फार देथन। हिंदी महीना ल चंदरमास कहे जाथे। काबर के ऐकर महीना के तिथि चंदरकला के मुताबिक तय होथे। ये हिसाब ले हिंदी महीना 28, 29, 30 नइते 31 दिन के हो सकथे। औसत देखे जाय त चंदरमास के एक बछर 355 दिन के होथे। इही पाय के हर तीन बछर म एक महीना बढ़ाय के परंपरा हे। ये महीना ल लउंद महीना, मलमास या अधिमास घलो कहे जाथे। ऐमा कोनो एक महीना ल ज्योतिसी गिनती के मुताबिक बढ़ाय जाथे। अइसन बछर म तेरा महीना होथे। एक महीना ह अंधियारी अउ अंजोरी दू पाख म बंटे रइथे। अधिमास वाले बछर म पहिली महीना के अंजोरी पाख अउ दूसर महीना के अंधियारी पाख ल मिला के परसोत्तम महीना कहे जाथे। हिंदू धरम म परसोत्तम महीना के बड़ महत्तम बताय गे हे।
हर पाख म परवा ले लेके चउदस तक तिथि होथे। अंधियारी पाख के आखरी तिथि ल अम्मावस अउ अंजोरी पाख के आखरी तिथि ल पुन्नी कहे जाथे। तिथिमन के नांव हे परवा, दुइज, तीज, चउथ, पंचमी, छठ, साते, आठे, नवमी, दसमी, अकादसी, दुवास, तेरस, चउदस अउ आखरी तिथि अम्मावस या पुन्नी। दू पाख मिला के एक महीना होथे। महीनामन के नांव हे- चइत, बइसाख, जेठ, असाढ़, सावन, भादो, कुवांर, कातिक, अग्घन, पूस, मांघ अउ फागुन। अपन जनम दिन या बिहाव दिन ल हिंदी महिना अउ तिथि के मुताबिक मनाय बर चाही। आदिवासी अउ बनवासीमन हरंय जेकरमन के नांव जम्मो हिंदी महीना अउ तिथि उपर धराय मिल जथे।आदिवासी अउ बनवासीमन हरंय जेकरमन के नांव जम्मो हिंदी महीना अउ तिथि उपर धराय मिल जथे।
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