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सावधान! वॉट्सएप-फेसबुक पर भूलकर भी न करें ये काम वरना पड़ सकते हैं बड़ी मुसीबत में

अगर आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए, क्योंकि जल्द ही आपके सोशल मीडिया एकाउंट पर पुलिस की नजर होगी।

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वॉट्सएप-फेसबुक पर भूलकर भी न करें ये गलती वरना पड़ सकते हैं बड़ी मुश्किल में

आवेश तिवारी/रायपुर. चौंकिए मत, आपका सोशल मीडिया एकाउंट जल्द ही छत्तीसगढ़ पुलिस की जद में होगा। एक ऐसे वक्त में जब प्रदेश में तमाम नेता और अधिकारी आपसी बातचीत के लिए वॉट्सऐप कालिंग का सहारा ले रहे हैं राज्य पुलिस ने संवेदनशील साफ्टवेयर्स को खरीदने का फैसला किया है।

पुलिस द्वारा मोबाइल और Disk फोरेंसिक सॉफ्टवेयर्स, पासवर्ड ब्रेकिंग सिस्टम और Disk डुप्लीकेटर जैसे बेहद संवेदनशील सॉफ्टवेयर्स की खरीदी की जा रही है। इन सॉफ्टवेयर्स के द्वारा दूसरों के मोबाइल और कम्प्यूटर के सारे ऑनलाइन और ऑफलाइन रिकार्ड्स खंगाले जा सकेंगे भले ही उन्हें डिलीट क्यों न कर दिया गया हो। पुलिस इन सॉफ्टवेयर्स के माध्यम से किसी भी व्यक्ति के फेसबुक, ट्विटर, गूगल, इंस्टाग्राम समेत 290 से ज्यादा आरटीफेक्ट्स की रिकवरी कर सकेगी।

200 से ज्यादा किस्मों के फ़ाइल की पासवर्ड रिकवरी: राज्य पुलिस द्वारा जो पासवर्ड रिकवरी सिस्टम खऱीदा जा रहा है उससे 200 से ज्यादा किस्मों की फ़ाइल के पासवर्ड की रिकवरी की जा सकेगी। पुलिस द्वारा उन सभी किस्मों का उल्लेख किया गया है जिनके पासवर्ड खोले जाने की आवश्यकता महसूस होती है। इस रिकवरी सॉफ्टवेयर्स के माध्यम से एडमिनिस्ट्रेटिव पासवर्ड भी बदला जा सकेगा। यहाँ तक कि इस सॉफ्टवेयर्स के माध्यम से पुलिस मैकबुक और यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम कर रहे कम्प्यूटर्स के पासवर्ड भी खंगाल लेगी।

छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा जो Disk डुप्लीकेटर खऱीदा जा रहा है वो किसी भी किस्म के Disk में चाहे उसका डाटा छिपाकर क्यों न रखा गया हो उसकी डुप्लीकेट Disk तैयार कर देगा । इतना ही नहीं ऐसे साफ्टवेयर्स भी खऱीदे जा रहे हैं जिनसे किसी भी किस्म के वीडियो की प्रामाणिकता की जांच की जा सकेगी। किसी भी वीडियो क्लिप को सेकेण्ड के 16 वे हिस्से में भी देखा जा सकेगा।

इंटरनेट कॉल का डाटा भी निकाल सकेंगे
छत्तीसगढ़ पुलिस ने विभिन्न सॉफ्टवेयर्स की खरीदी के लिए जो टेंडर जारी किये हैं उनमे ऐसे सॉफ्टवेयर भी हैं जिससे इंटरनेट कालिंग के भी सारे डाटा उसे उपलब्ध हो सकेंगे इसके अलावा मोबाइल फोन से किये गए सभी चैट, मैसेजेज और जीपीएस मैपिंग से जुडी सारी जानकारी भी पुलिस को मिल सकेगी। यह सब संभव हो सकेगा मोबाइल फोरेंसिक एक्विजिशन और एनालिसिस टूल से।

छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस सॉफ्टवेयर्स की खरीदी के लिए जो टेंडर जारी किये है उसके कहा है इस सॉफ्टवेयर से किसी भी सिम कार्ड का क्लोन बनाना संभव होना चाहिए। साथ ही इसे चायनीज चिपसेट को सपोर्ट करने वाला भी होना चाहिए। यानि कि अगर आप चायनीज मोबाइल इस्तेमाल कर रहे हैं तो भी उसके भीतर छिपी सारी जानकारी भले ही वो मिटा दी गई हो पुलिस को मिल सकेगी।