निकाय, प्रशासन में भी सख्ती
नगरीय निकायों में भी बकायादारों के खिलाफ विभागों ने अभियान छेड़ दिया है। नगर निगम सहित आवासीय प्राधिकरण, बोर्ड, राजस्व, जिला प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किया गया है। सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लक्ष्य के मुताबिक राजस्व संग्रहण में तेजी लाएं।
नोटिस की वजह
1. स्टेट जीएसटी- तीन से छह महीने तक जीएसटी रिटर्न व टैक्स जमा नहीं करना।
2. केंद्रीय जीएसटी- 10 लाख से अधिक कमीशन की जानकारी छिपाई, टीडीएस मामला आदि।
3. आयकर- 10 लाख से अधिक नकदी जमा करने पर, 30 लाख से अधिक की प्रापर्टी रजिस्ट्री, शेयर बाजार में निवेश या रिटर्न में कुछ गलतियां आदि।
बजट के पहले आयुक्त का तबादला
राज्य बजट पेश होने के पहले स्टेट जीएसटी में आयुक्त पी. संगीता का तबादला कर दिया गया है। उन्हें स्टेट जीएसटी में तीन वर्ष पूरे हो चुके थे, वहीं अब उनके स्थान पर रीना बाबा साहेब कंगाले को जिम्मेदारी दी गई है। स्टेट जीएसटी के अधिकारियों के मुताबिक विभाग की नजर बड़े बकायादारों पर हैं। बकायादारों में स्टील, स्पंज आयरन, पॉवर, ऑटोमोबाइल्स आदि सेक्टर के कारोबारियों को नोटिस जारी किया गया है।
इस तरह भेजे गए हैं नोटिस
केंद्रीय जीएसटी- 14 से 15 हजार
आयकर विभाग- 15 से 16 हजार
राज्य जीएसटी- 14 से 15 हजार
केंद्रीय जीएसटी विभाग- 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16 में 10 लाख रुपए से अधिक के कमीशन पर सर्विस टैक्स के दायरे में आने वाले लोगों को नोटिस।
( सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 10 जनवरी की स्थिति में)