
DKS Hospital Doctors : आंबेडकर अस्पताल के दो दर्जन से ज्यादा डॉक्टर घर पर मरीजों को नहीं देखने का हवाला देकर एनपीए (नॉन प्रैक्टिस अलाउंस) उठाकर मरीजों व सरकार के साथ धोखा कर रहे हैं। हकीकत ये है कि नियमों का उल्लंघन कर डॉक्टर अस्पताल के आस-पास अस्पताल और अपने घरों में रोगियों की जांच के नाम पर उनसे फीस वसूल रहे हैं। जबकि नियमानुसार एनपीए भत्ता लेने वाले रोगियों से फीस नहीं ले सकते।
कुछ डॉक्टर पार्टनरशिप में निजी अस्पताल चला रहे हैं, इसकी जानकारी भी नहीं दी गई है। इसमें कहा गया है कि प्रेक्टिस करते हैं। वहीं पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में माइक्रो बायोलॉजी विभाग ही ऐसा विभाग है, जहां किसी भी डॉक्टर का निजी लैब नहीं है या वे निजी अस्पताल में प्रेक्टिस नहीं करते।
विधानसभा में डॉक्टरों के एनपीए पर पूछे गए सवाल पर नेहरू मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. तृप्ति नागरिया ने सभी एचओडी से जानकारी मंगाई थी। इस पर ज्यादातर डॉक्टरों ने गलत जानकारी देकर सरकार के निशाने पर आने से बचने की कोशिश की है। हालांकि जानकारों का दावा है कि कोई भी सरकार डॉक्टरों के प्राइवेट प्रेक्टिस पर रोक नहीं लगा सकती।
बात इतनी है कि डॉक्टर कम से कम ड्यूटी के दौरान प्राइवेट अस्पताल में प्रेक्टिस न करें। हालांकि इसका भी पालन नहीं हो रहा है। पत्रिका ने काफी कोशिश के बाद ये सूची हासिल की है। हालांकि पिछले साल आरटीआई लगाने के बावजूद एनपीए लेने व न लेने वाले डॉक्टरों की सूची नहीं दी गई। स्थापना शाखा ने पूरी जानकारी तैयार कर ली थी, लेकिन गोपनीय जानकारी का हवाला देकर आरटीआई नहीं दी गई।
3 से 5 घंटे प्रेक्टिस करने की छूट
एनपीए नहीं लेने के बावजूद डॉक्टरों को केवल तीन घंटे प्रेक्टिस करने की छूट है। वहीं छुट्टियों के दिन 5 घंटे से ज्यादा प्रेक्टिस नहीं कर सकते। इसके बावजूद कुछ डॉक्टर दोपहर 12 या इससे पहले ही आंबेडकर अस्पताल छोड़ देते हैं। ये नियम मई 2018 में बनाया गया था। नियम का पालन हो रहा है या नहीं, इसकी मानीटरिंग करने वाला कोई नहीं है। पत्रिका ने कुछ डॉक्टरों को ड्यूटी ऑवर में निजी अस्पतालों में प्रेक्टिस करते पाया है। पूछने पर बताया कि वे एक मरीज का फालोअप लेने आए हैं।
कोई कार्रवाई नहीं
एनपीए की बात पर कुछ डॉक्टरों ने पत्रिका को फोन पर बताया कि एनपीए लेने के बावजूद कुछ डॉक्टर प्राइवेट प्रेक्टिस करते हैं। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ शासन कोई कार्रवाई नहीं करता। डॉक्टर की शिकायत थी कि वे एनपीए भी नहीं लेते और प्रेक्टिस करते हैं, इसके बाद भी उन लोगों के खिलाफ सख्ती की जा रही है। ऐसे में क्यों न एनपीए भी लें और प्रेक्टिस भी करें। डॉक्टर का दर्द दूसरे डॉक्टरों को सीख लेने के लिए काफी है।
Published on:
01 Mar 2024 01:02 pm
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