उल्लेखनीय है कि पांच साल से अधिक पुराने वाहन के रजिस्ट्रेशन के समय दर्ज वाहन मालिकों का पता स्पष्ट नहीं है। साथ ही अधिकांश वाहन मालिकों का ई-मेल भी नहीं था। और कई लोगों के मोबाइल नंबर भी बदल गए हैं। इस तरह के अधूरे नाम-पते वाले वाहनों का ई-चालान जमा नहीं हो रहा है। शहर में इन वाहन मालिकों का ई-चालान तो कट रहा है, लेकिन ई-चालान उन तक नहीं पहुंच रहा है। इससे सैकड़ों चालान का भुगतान नहीं हो पा रहा है। रोज करीब 150 ई-चालान काटे जा रहे हैं।
कैसे होता है ई-चालान
आईटीएमएस योजना के तहत शहर के दर्जन भर से अधिक प्रमुख चौक-चौराहों पर खास सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनके जरिए ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले दोपहिया, चौपहिया वाहनों के नंबर प्लेट का फुटेज लेते हैं। इसके जरिए वाहन मालिक का पता करते हैं और उनके नाम से निर्धारित चालान काटा जाता है। इसके बाद गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर में दर्ज नाम-पते पर ई-चालान भेज दिया जाता है। चालान जमा करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था भी गई है।
वाहनों का नहीं होगा ट्रांसफर, नहीं मिलेगा बीमा लाभ
शहर में टै्रफिक नियम तोडऩे वाले जिन वाहन चालकों का ई-चालान काटा गया है, उन्हें ई-चालान जमा करना आवश्यक है। अगर ई-चालान जमा नहीं करेंगे, तो संबंधित वाहन का ट्रांसफर नहीं हो सकेगा। साथ ही बीमा का लाभ भी नहीं मिल पाएगा। संबंधित वाहन के नाम से जितने भी ई-चालान कटे हैं, उनका भुगतान करने के बाद ही उसे एनओसी मिल सकेगा। इसके अलावा वाहन को बेच भी नहीं सकेंगे। दूसरे राज्यों में भी इसी तरह की कार्रवाई होगी। और उन वाहनों का ई-चालान का भुगतान हुए बिना किसी तरह का लाभ नहीं ले पाएंगे।
पुराने वाहनों के नंबर के आधार पर नाम-पते आरटीओ को अपडेट करने कहा गया है। ट्रैफिक नियम तोडऩे वाले सभी वाहनों के खिलाफ ई-चालान काटा जा रहा है। ई-चालान जमा नहीं करने से वाहन मालिकों को ही नुकसान होगा। उस वाहन को बेचने या नाम ट्रांसफर करने या अन्य कार्य नहीं हो पाएंगे।
-सतीश सिंह ठाकुर, डीएसपी ट्रैफिक, रायपुर