उधर, पीडि़ता के पिता ने पत्रिका से अपनी पीड़ा साझा की। उनका कहना है कि बाबा सम्मोहन करता है। उनके सम्मोहन में ही फंसकर ही उनका परिवार अंधभक्त बन गए थे। जिसका खामियाजा इस कदर भुगतना पड़ेगा, यह सपने में भी नहीं सोचा था। उन्होंने लोगों को सुझाव दिया है कि ऐसे बाबाओं से बच कर रहें। जरूरी है तो पूरी पड़ताल करके ही किसी से जुड़ें।
उन्होंने बताया कि इस बच्ची को बाबा ने गोद में भी खिलाया है। हम उनके अंधभक्तथे इसलिए अवश्विास का सवाल ही नहीं था? घटना वाले दिन वह अपनी पहली कमाई का चेक उन्हें देने गई थी। मेरे जैसे कई लोग हैं जो इस सम्मोहन में बंधे रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, उस समय बाबा ने हमारी पत्नी से भी कहा कि हम एक वारिस देना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने ऑपरेशन तक खुलवाने को कहा, और बोले कि हम ऐसी जड़ी बूटी देंगे जिससे वारिस मिल जाएगा। हालांकि हमने साफ मना कर दिया।
आश्रम का कमरा सील
पुलिस अधिकारी ने बताया, हमने महिला के बयान दर्ज कर लिए हैं और उसे आश्रम में उस कमरे की पहचान कराने के लिए ले जाया गया, जहां यह अपराध हुआ था। उसे बाबा के उस भक्त की भी पहचान कराने के लिए आश्रम ले जाया गया था, जिसने उसे अलवर रेलवे स्टेशन पहुंचाया था। पुलिस ने बाबा के उस कमरे को सील कर दिया है, जहां से वह अपने अनुयायियों को संबोधित करते थे।
बिलासपुर में कराया था मामला दर्ज
पीडि़ता ने पहले इस मामले को बिलासपुर पुलिस थाने में दर्ज कराया था, जिसे बाद में अलवर के अरावली विहार पुलिस थाने में स्थानांतरित कर दिया गया था। मामला ऐसे समय प्रकाश में आया है, जब 25 अगस्त को पंचकुला की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को दो शिष्याओं के साथ दुष्कर्म करने के मामले में 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी।