New Medical Colleges 2025: प्रदेश में पांच नए सरकारी मेडिकल कॉलेज इस सत्र में शुरू नहीं हो पाएगा। जरूरी तैयारी नहीं होने के कारण नेशनल मेडिकल कमीशन को प्रस्ताव भी नहीं भेजा गया है।
New Medical Colleges 2025: प्रदेश में पांच नए सरकारी मेडिकल कॉलेज इस सत्र में शुरू नहीं हो पाएगा। जरूरी तैयारी नहीं होने के कारण नेशनल मेडिकल कमीशन को प्रस्ताव भी नहीं भेजा गया है। ऐसे में छात्रों को नए कॉलेज के लिए अगले साल तक इंतजार करना होगा। कवर्धा, मनेंद्रगढ़, जांजगीर-चांपा, गीदम व जशपुर में नए मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा। इसमें जशपुर को छोड़कर चार कॉलेजों के लिए पिछले साल अक्टूबर में ऑनलाइन टेंडर जारी किया था। हालांकि विवादों के बाद इसे रद्द कर दिया गया था।
प्रत्येक कॉलेज में एमबीबीएस की 50-50 सीटें होंगी। इस हिसाब से 5 कॉलेजों में 250 नई सीटें आएंगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग पहले ही सभी कॉलेजों में इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी व जरूरी सुविधाओं को अंतिम रूप देने के लिए 4 सदस्यीय टीम का गठन कर दिया था। दो साल में कॉलेज बिल्डिंग बनानी होगी। हालांकि इसमें देरी तय है। बिल्डिंग की प्लानिंग, डिजाइनिंग, इंजीनियरिंग व निर्माण कार्य के लिए 1020.60 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।
चारों जगहों पर बिल्डिंग के लिए जमीन फाइनल कर ली गई है। वहीं, सीएम विष्णु देव साय के गृह जिला जशपुर में नया मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव है। राज्य बजट में कुनकुरी में 220 बेड के अस्पताल की घोषणा को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। एमबीबीएस की 50 सीटों के लिए 220 बेड का अस्पताल जरूरी है। बाकी चारों स्थानों पर भी पहले जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनाया जाएगा। जब मेडिकल कॉलेज शुरू होता है, तब जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज से संबद्ध किया जाता है।
विभाग - बेड
जनरल मेडिसिन - 50
जनरल सर्जरी - 50
पीडियाट्रिक - 25
ऑर्थोपीडिक्स - 20
ऑब्स एंड गायनी - 25
आईसीयू - 20
ऑप्थेलमोलॉजी - 10
ईएनटी - 10
स्किन - 05
साइकेट्री - 05
कुल - 220 बेड
प्रदेश में अभी 10 सरकारी समेत 15 मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं। इसमें एमबीबीएस की 2130 सीटें हैं। 4 निजी कॉलेजों ने सीटें 150 से बढ़ाकर 250 करने का प्रपोजल एनएमसी को भेजा था। इसका निरीक्षण भी कर लिया गया है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो एमबीबीएस की सीटें बढ़ सकती हैं। इससे नीट यूजी दिए छात्रों को एडमिशन में आसानी होगी। कट ऑफ मॉर्क्स भी गिरेगा। इससे कुछ कम स्कोर वाले छात्रों को भी एडमिशन का मौका मिलेगा।
एक नया मेडिकल कॉलेज बनाने में 600 करोड़ रुपए की लागत आती है। कोरबा, कांकेर व महासमुंद जैसे नए मेडिकल कॉलेज केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत बन रहे हैं। ये कॉलेज शुरू तो हो गए हैं, लेकिन नई बिल्डिंग नहीं बनी है। इस योजना के तहत 60 फीसदी फंड केंद्र सरकार व बाकी राज्य सरकार देती है। विशेषज्ञों के अनुसार चारों कॉलेजों के लिए फैकल्टी उपलब्ध कराना किसी चुनौती से कम नहीं है। सबसे पहले कॉलेजों के लिए डीन बनाने होंगे। फिर फैकल्टी की व्यवस्था की जाएगी। तभी कॉलेजों को एनएमसी से मान्यता मिल सकेगी।