
शासन कर रही हाईकोर्ट और FSSAI के निर्देशों का उल्लंघन, जवाब माँगा तो अफरा तफरी में किया ये काम
रायपुर । खाद्य पदार्थ में मिलावट की जांच के लिए अभिहित अधिकारी का प्रभार सहायक औषधि नियंत्रकों (food and drug controller) को दे दिया गया है। हाईकोर्ट (Chhattisgarh High court) के आदेश के बाद डिप्टी कलेक्टर और एडीएम रैंक अधिकारी की जानकारी 27 जिलों के कलेक्टरों से मांगी गई थी। कलेक्टरों ने विभागीय सचिव के पास मांगी गई जानकारी भी भेज दी है। जिसके अनुसार जिले के SDM को अभिहित अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार देना है।
पिछले दिन शासन (CG Govt.) ने सभी जिलों के लिए यह आदेश अस्थायी रुप से जारी कर दिया है। अहम बात यह है कि प्रदेश के 13 जिलों में अभी भी सहायक औषधि नियंत्रकों की नियुक्ति ही नहीं हुई है। कई सहायक औषधि नियंत्रकों को तीन-तीन जिलों का अतिरिक्त प्रभार है। ऐसे में हाईकोर्ट (Bilaspur court) और एफएसएसएआई (FSSAI) के निर्देशों का उल्लंघन शासन द्वारा किया जा रहा है।
कलक्टरों ने भेज दी है जानकारी
सचिव ने अक्टूबर 2018 को सभी कलेक्टरों को पत्र जारी कर अभिहित अधिकारी का प्रभार देने के लिए एसडीएम रैंक के आफिसर की जानकारी मांगी थी, ताकि खाद्य पदार्थों की जांच, लाइसेंस नवीनीकरण और न्यायालयीन कार्य सुचारू रूप से हो सकें। पत्रिका को मिली जानकारी के मुताबिक सभी जिला कलेक्टरों ने इसकी जानकारी सचिव को भेज दी है। इसके बाद भी सहायक औषधि नियंत्रकों को दे दिया गया है।
जिले में एक अधिकारी अनिवार्य
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के प्रावधानों के मुताबिक सभी जिलों में एक अभिहित अधिकारी होना अनिवार्य है। हाईकोर्ट के आदेश पर भी कोताही अक्टूबर 2018 को अभिहित अधिकारी की नियुक्ति के मामले में हाइकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। तब न्यायालय (High court) ने एक माह के भीतर सभी जिलों में अभिहित अधिकारी नियुक्त करने के आदेश दिए थे। इसके बाद विभाग ने कवायद शुरू हुई थी।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव निहारिका बारिक का कहना है - अभी अस्थायी रुप से सहायक औषधि नियंत्रकों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जल्द ही स्थायी व्यवस्था की जाएगी।
Published on:
09 Jun 2019 08:32 pm
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