प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग मनोज कुमार पिंगुआ ने बताया कि राज्य की नई औद्योगिक नीति के कारण पूंजी निवेश के लिए सकारात्मक माहौल बना है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट और इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़ के लिए विभिन्न देशी एवं विदेशी निवेशक कम्पनियों ने अपनी रूचि दिखाई हैं, जिसमें अमेजॉन, ओला इलेक्ट्रिक, माइक्रोसॉफ्ट, डेलमान्टे आदि कम्पनी शामिल हैं। अब तक 300 से ज्यादा निवेशकों ने इन्वेस्टर्स मीट में शामिल होने के लिए पंजीयन करा लिया है।
यह भी पढ़ें: ओमिक्रान को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला, यात्रियों को दिखाना होगा अब वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट बता दें कि इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़ परियोजना के लिए छत्तीसगढ़ शासन और कंसलटेंसी फर्म विएक्सपोइंडिया के मध्य 2 सितम्बर को एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया था। बैठक में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सचिव वाणिज्य एवं उद्योग आशीष कुमार भटट्, संचालक उद्यानिकी विभाग- उद्योग-हाथकरघा, प्रबंध संचालक सीएसआईडीसी-छत्तीसगढ़ लघु वनोपज सहकारी सघं- हस्तशिल्प विकास निगम मुख्य कार्यापालन अधिकारी राज्य शहरी विकास प्राधिकरण, क्रेडा, गृह निर्माण मंडल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
नियुक्त होंगे नोडल अधिकारी, तय होगी भूमिका
मुख्य सचिव जैन ने इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़ के सफल आयोजन के लिए संबंधित विभागों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सचिव स्तरीय अधिकारियों से कहा कि नोडल अधिकारियों की भूमिका स्पष्ट रूप से तय होनी चाहिए। उन्होंने इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़ आयोजन के लिए समिति गठित करने के भी निर्देश दिए।
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बता दें कि राज्य सरकार प्रदेश में निवेश के लिए काफी प्रयास कर रही है। यही वजह है राज्य निर्माण के बाद निवेश को लेकर हुए एमओयू की स्थिति की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की समीक्षा बैठक ली थी। इसमें यह बात सामने आई थी कि राज्य निर्माण के बाद निवेश के लिए 486 एमओयू हुए, लेकिन इसमें से 158 एमओयू में कोई काम नहीं हो सका। इससे 316166.64 करोड़ का निवेश प्रभावित हुआ था। इसके बाद सरकार ने तत्काल इन एमओयू को रद्द कर दिया है। वर्तमान सरकार ग्रामीण परिवेश के साथ-साथ मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखकर निवेशकों को आकर्षिक कर रही है। इसके लिए औद्योगिक नीति में भी कई अहम बदलाव किए गए हैं।