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गोधन न्याय योजना: CM बघेल आज हितग्राहियों को 7 करोड़ 5 लाख रूपए का करेंगे भुगतान

Godhan Nyay Yojana: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(CM Baghel)मंगलवार 10 जनवरी को हितग्राहियों को 7 करोड़ 5 लाख रूपए का भुगतान(Godhan Nyay Yojana) करेंगे, जिसमें 16 दिसम्बर से 31 दिसम्बर 2022 तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय 2.29 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 4 करोड़ 59 लाख रूपए, गौठान समितियों को 1.46 करोड़ रूपए और महिला समूहों को एक करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं।

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गोधन न्याय योजना

CM बघेल

Godhan Nyay Yojana: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(CM Baghel) मंगलवार 10 जनवरी को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana)के राशि अंतरण के लिए आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 7 करोड़ 5 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे, जिसमें 16 दिसम्बर से 31 दिसम्बर 2022 तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय 2.29 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 4 करोड़ 59 लाख रूपए, गौठान समितियों को 1.46 करोड़ रूपए और महिला समूहों को एक करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना(Godhan Nyay Yojana)के तहत गोबर खरीदी के एवज में विक्रेताओं को अंतरित की जाने वाली 4.59 करोड़ रूपए की राशि में से मात्र 1.76 करोड़ की राशि कृषि विभाग द्वारा तथा 2.83 करोड़ रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठानों(Godhan Nyay Yojana) द्वारा किया जाएगा। गौरतलब है कि राज्य में अब तक 4,564 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की जमा पूंजी से गोबर क्रय करने लगे हैं। स्वावलंबी गौठानों द्वारा अब तक 35.19 करोड़ रूपए का गोबर स्वयं की राशि से क्रय कर भुगतान किया गया है।


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गौठानों में बनने और बिकने लगा गोबर से बना प्राकृतिक पेंट
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(CM Baghel) की मंशा के अनुरूप राज्य में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए स्थापित गौठान तेजी से ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित होने लगे हैं। गौठानों में विविध आयमूलक गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ नवाचार के रूप में गोबर से प्राकृतिक पेंट(Godhan Nyay Yojana) का उत्पादन भी शुरू हो गया है।

वर्तमान में गोबर से प्राकृतिक पेंट(Godhan Nyay Yojana) बनाने के लिए पांच इकाईयां स्थापित हो चुकी है, जिनमें से रायपुर और दुर्ग जिले के गौठानों में दो-दो तथा कांकेर के चारामा स्थित गौठान में एक यूनिट संचालित है। इन पांच क्रियाशील यूनिटों के माध्यम से अब तक 8997 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 3307 लीटर प्राकृतिक पेंट के विक्रय से 7 लाख 2 हजार 30 रूपए की आय अर्जित हुई है।