
होटलों की होगी रेटिंग और मॉनीटरिंग, 'स्टारÓ से आप कर पाएंगे सही चुनाव
रायपुर.भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के नए नियमों के तहत सभी होटलों की रेटिंग की जाएगी। रेटिंग के आधार पर हर होटल को स्टार मिलेंगे। और ये स्टार उपभोक्ताओं को होटल का चयन करने में मददगार होंगे। देश में पहली बार उपभोक्ताओं के हित को ध्यान में रखते हुए नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। इसके तहत होटल में बनाए जा रहे खाने से लेकर परोसे जाने तक की पूरी प्रक्रिया के मानक तय किए गए हैं। अगर होटल मानकों पर खरे उतरते हैं तो उन्हें 'स्टार रेटिंगÓ प्रमाण-पत्र दिया जाएगा, नहीं उतरते हैं तो उन्हें व्यवस्था में सुधार के मौके दिए जाएंगे।
भारत सरकार की संस्था एफएसएसएआई का मुख्य उ²ेश्य उपभोक्ताओं को शुद्ध, गुणवत्ता, स्वच्छ और हाइजेनिक खाद्य सामग्री मुहैया करवाना है। यही वजह है कि अब छोटे-बड़े सभी होटलों को नियमों के दायरे में लाया जा रहा है। राज्य स्तर पर राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को नियमों का पालन करवाने का जिम्मा सौंपा गया है। हर जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) निर्देशित किया गया है कि वे होटलों के संचालकों के साथ बैठकें करें, उन्हें नियमों की जानकारी दें। यहां यह भी स्पष्ट कर दें कि होटलों को एक से लेकर पांच स्टार दिए जाएंगे। स्टार मिलने के बाद अगर, कोई कमी पाई जाती है तो इसे छिना भी जा सकता है। एक आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में 100 बड़े होटल हैं, जबकि सब मिलाकर कुल संख्या 8 हजार के करीब पहुंच है।
तय किए गए मानक-
होटल में आने वाले खाद्य सामग्री डिब्बा बंद हो। किचन साफ-सुथरा हो। खाना पकाने वाले सभी कर्मचारी मास्क, हैंड ग्लब्स, हेड को कवर कर के रख हों। ये पूरी तरह से स्वस्थ हों, कोई बीमारी न हो। इनके मेडिकल सर्टिफिकेट भी अनिवार्य हैं। दिल्ली से आएगी ऑडिट टीम होटलों को स्वयं से एफएसएसएआई की वेबसाइट पर जाकर ऑन-लाइन आवेदन करना है। इसके बाद दिल्ली से विशेषज्ञों की ऑडिट टीम आएगी, जांच करेगी। इसके बाद प्रमाण-पत्र जारी होंगे। जानकारी के मुताबिक शहर बड़े होटलों ने आवेदन करने शुरू कर दिए हैं।
ऑन-लाइन, ऑफ-लाइन दिखेगी रेटिंग-
होटलों की स्टार रेटिंग उपभोक्ताओं को ऑन-लाइन तो दिखाई देगी, इसके अलावा होटल संचालकों को रिसेप्शन में भी स्टार रेटिंग प्रमाण-पत्र को चस्पा करना होगा। ताकि उपभोक्ता रेटिंग के आधार पर निर्णय ले सकें।धार्मिक स्थलों के लिए 'भोगÓ प्रमाण-पत्र 'पत्रिकाÓ ने सबसे पहले बताया था कि धार्मिक स्थलों के लिए एफएसएसएआई द्वारा भोग (ब्लिसफुल हाईजेनिक ऑफरिंग टू गॉड) योजना शुरू की गई है। इसका उद्देश्य स्वच्छ प्रसादी, भंडारे या लंगर को परोसा जाना है। ताकि श्रद्धालुओं को कोई स्वास्थ्यगत क्षति न पहुंचे। अभी रायपुर वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर को 'भोगÓ प्रमाण-पत्र मिल चुका है।
सभी एफएसओ होटल संचालकों को नए नियमों-प्रावधानों के बारे में समझाया जा रहा है। यह उपभोक्ताओं की दृष्टि से बहुत अच्छा है, वे रेटिंग के जरिए अच्छे होटल चुन सकते हैं।
राजेश शुक्ला, सहायक नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग
Published on:
14 Mar 2020 12:10 pm
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