ज्यादातर आवंटितियों ने बैंक से फाइनेंस कराया है, जिसमें बैंक के जरिए आरडीए के खाते में फ्लैट्स की राशि भेजा जा चुकी है, वहीं अब आवंटितियों की किस्तें बैंकों में चल रही है। फ्लैट्स में किस्तें देने के बाद हितग्राहियों को वर्तमान में घर का किराया भी देना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के मुताबिक इस योजना में ऐसे अभ्यर्थियों को पात्र किया गया है, जिनके पास स्वयं का पक्का मकान नहीं है। इस स्थिति में आवंटितियों को किस्त और मकान के किराये को मिलाकर दोहरी मार पड़ रही है। 158.81 करोड़ रुपए की लागत से निर्माणाधीन इस प्रोजेक्ट में अभी भी 20 से 30 फीसदी काम शेष बताया जा रहा है। स्ट्रक्चर खड़ा होने के बाद भवनों पर रंग-रोगन कर दिया है, लेकिन फ्लैट्स में दरवाजे, खिड़कियां, बाथरूम फिटिंग्स आदि अधूरा है।
2019 दिसंबर में मिलना था पजेशन वर्ष 2016 में लॉटरी, बुकिंग व आवंटन लिस्ट जारी करने के बाद आरडीए ने तीन साल के भीतर प्रोजेक्ट पूरा करने का निर्णय लिया था। कभी वित्तीय संकट तो कभी काम-काज में लेटलतीफी की वजह से प्रोजेक्ट लगातार विलंब होते गया। 2019 दिसंबर तक पजेशन का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन यह प्रोजेक्ट अब साल के अंत तक खींच सकता है।
तीन-चार महीने का समय मिला कोविड-19 की वजह से वर्तमान में निर्माणाधीन प्रोजेक्ट को रेरा से तीन-चार महीने की छूट मिली हुई है। इसमें इंद्रप्रस्थ प्रोजेक्ट को भी मोहलत मिली है। इस मोहलत के बाद प्रोजेक्ट में काम पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय के बाद रूके हुए कार्यों को पूरी करने की कोशिश की जा रही है।
कमल विहार में काम तक नहीं हुआ शुरू कमल विहार में सेक्टर-04 में बुकिंग लेने के बाद जहां काम शुरू हो चुका है, वहीं अन्य सेक्टरों में काम शुरू नहीं किया जा सका है। कमल विहार प्रोजेक्ट में आरडीए ने हाल ही में सेक्टर-14 और सेक्टर-11 में ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स के लिए बुकिंग ली है। इसके अलावा कमल विहार के सेक्टर-1 को अभी तक डवलप नहीं किया जा सका है, जबकि इसमें जमीनों की बिक्री हो चुकी है।
रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) के सीईओ अय्याज तंबोली ने बताया कि इंद्रप्रस्थ रायपुरा में कुछ काम बाकी है। साल के अंत तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। कोविड-19 की वजह से तीन-चार महीने कामकाज प्रभावित हुआ है। रूके काम शुरू हो चुके हैं। शीघ्र पजेशन प्रदान किया जाएगा।