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विधानसभा में गूंजा कांकेर कम्प्यूटर खरीदी का मुद्दा, स्कूल शिक्षा मंत्री ने की जांच कराने की घोषणा

- कांग्रेस विधायक संतराम ने दिया 'पत्रिका' में प्रकाशित खबर का हवाला- हंगामे और शोर-शराबे के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री ने की जांच कराने की घोषणा

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विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन आखिर क्यों भड़का विपक्ष, भाजपा विधायक हुए निलंबित

रायपुर. विधानसभा के बजट सत्र (Chhattisgarh Budget Session) में सोमवार को कांकेर में कम्प्यूटर, प्रिंटर और फोटोकॉपी खरीदी में हुई गड़बड़ी का मुद्दा गूंजा। कांग्रेस विधायक संतराम नेताम ने अपनी ही सरकार को घेरा। विपक्ष ने भी उनका समर्थन किया। इसे लेकर जमकर हंगामा हुआ। इस पर आसंदी को भी कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा। बाद में मंत्री डॉ. प्रेमसाय टेकाम ने सचिव स्तर पर जांच कराने की घोषणा की।

प्रश्नकाल में सत्तापक्ष के विधायक संतराम नेताम ने आदिवासी विभाग कांकेर द्वारा आश्रम शालाओं में कम्प्यूटर, प्रिंटर और फोटो कॉपी मशीन खरीदी से संबंधित प्रश्न किया। उन्होंने 'पत्रिका' की खबर का हवाला देते हुए कहा कि इस खरीदी में गड़बड़ी पर बस्तर कमिश्नर ने जांच की।

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उन्होंने सचिव को लिखा कि खरीदी में गड़बड़ी हुई है, जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई की जाए। 3 महीने बाद वे दोबारा लिखते हैं कि कोई घोटाला नहीं हुआ है। अगर, अनियमितता नहीं हुई है तो दोनों में से कौन सा पत्र सही है। जवाब में आदिवासी विकास मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने कहा, जब भुगतान ही नहीं हुआ है तो गड़बड़ी का सवाल ही नहीं उठता है।

विपक्ष के दबाव के बाद दिए जांच के आदेश
मंत्री के इस जवाब में संतराम नेताम को विपक्ष का साथ मिला। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा ने मंत्री को घेरने की कोशिश की। कहा कि किन कारणों से कमिश्नर ने भ्रष्टाचार कहा और किन कारणों से कहा कि नहीं हुआ। अगर, कमिश्नर ने कोई पत्र लिखा है तो वह शासकीय हो गया है। इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए।

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मंत्री ने कहा कि मैं दोनों पत्रों को देख लेता हूं। इस पर संतराम नेताम और विपक्ष संतुष्ट नहीं हुए और विपक्ष ने कह दिया कि यहां अधिकारियों को बचाने का प्रयास हो रहा है। अंत में अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को कहना पड़ गया कि पत्र विवादित हो गए हैं। आप जांच के आदेश दें। तब मंत्री साय ने कहा कि सचिव स्तर के अधिकारी से जांच करवाई जाएगी।