यह खाने और पीने से भी टूट सकता है आपका सावन सोमवार का व्रत, इस बात का रखें ध्यान
कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत के लिये एक महत्वपूर्ण (Kargil Vijay Diwas 2019) दिवस है। इसे हर साल 26 जुलाई को (20th Kargil Vijay Diwas)मनाया जाता है। कारगिल युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई को उसका अंत हुआ। इसमें भारत की विजय हुई। इस दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान हेतु मनाया जाता है।गूगल पर ऑनलाइन ठगी की ऐसी तरकीब, मिनटों में खाली कर देंगे आपका अकाउंट
इसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर (kashmir) और लद्दाख (ladakh)के बीच की कड़ी को तोड़ना और भारतीय सेना को ‘सियाचिन ग्लेशियर’ (Siachen glacier war) से हटाना था। पाकिस्तान (Pakistan) यह भी मानता है कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के तनाव से कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में मदद मिलेगी।सैलरी स्कैम: दो साल में शासन को दिया 66 लाख की चपत, अब खुद को बता रहे बेकसूर
26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान चलाए गए ‘ऑपरेशन विजय’ (Opration Vijay 1999) को अंजाम देकर भारत ने पाकिस्तान से विजय हासिल की थी। इसी याद में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas 20th Anniversary) मनाया जाता है।इस युद्ध में पाकिस्तान और भारत के बीच नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान ने कब्जा करने की कोशिश की थी।केंद्र सरकार ने डोंगरगढ़ को “प्रसाद” में दिए 63 करोड़ रूपए, मंदिर ट्रस्ट ने किया इंकार…
बिलासपुर शहर के दिनेश शुक्ला बताते हैं –
कारगिल युद्ध में शामिल 30 हजार सिपाहियों में कुछ क्लर्क भी थे, जिन्होंने समय आने पर बंदूक उठाई, उनमें से एक थे बिलासपुर शहर के दिनेश शुक्ला, वह कारगिल में कोर ऑफ सिग्नल में थे।उन्होंने बताया कि युद्ध के दौरान दिन-रात दहशत में गुजरते थे। पता नहीं रहता था कि दुश्मन कब और कहां से हमला कर दे। घुसपैठिए आधुनिक हथियारों से लैस थे।
कोरबा के जवान तोपची प्रेमचंद पांडेय बताते हैं –
कारगिल (Kargil war) के जिस जगह पर युद्ध चल रहा था, वह दुनिया का दूसरी सबसे ठंडी जगह थी, जहां रात में तो तापमान-30 से 7 डिग्री हो जाता था।पांडेय छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Solder in Kargil war ) से एकमात्र थे उनकी टुकड़ी में और उन्होंने दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया था।