अनसुलझे सवालों का जवाब तलाशने में जुटे अधिकारी
रायपुर•Feb 06, 2020 / 05:40 pm•
VIKAS MISHRA
नान के सीएम साहब और उसकी भूमिका का राज खोलेंगे कौशलेंद्र
रायपुर. राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की स्पेशल टीम(एसआईटी) नान के सीएम साहब और उसकी भूमिका की जांच करने में जुटी हुई है। इस मामले में नान के तात्कालीन एमडी कौशलेन्द्र सिंह के जरिए मुख्य आरोपी तक पहुंचने की योजना बनाई गई है। उसके बयान के आधार पर कुछ और लोगों को पूछताछ के लिए बुलवाए जाने की तैयारी चल रही है। बताया जाता है कि अगस्त २०१९ में नान के लेखाधिकारी चिंतामणी चंद्राकर के दुर्ग, कांकेर तथा बैंगलुरू में उसके बेटे के फ्लैट में छापेमारी की गई थी। इस दौरान नान मामले से जुड़े गिरीश शर्मा का लैपटॉप जब्त किया गया था। इसमें बहुत ही सनसनीखेज जानकारी हाथ लगी थी। इसका परीक्षण करने के लिए कौशलेन्द्र को बुलवाया गया है। बताया जाता है कि प्रथम चरण में ३ फरवरी को बुलवाया गया था। इस दौरान लैपटॉप में लेनदेन का हिसाब और रकम का हिसाब पूछा गया। बताया जाता है कि कौशलेन्द्र ने इसके काफी पुराना होने के कारण याद नहीं होने की बात कही। साथ ही बाद में जवाब देने का आश्वासन दिया। बता दें कि नान घोटाले में हाइकोर्ट द्वारा रोक लगाने के कारण विभागीय अधिकारी भू पूरे मामले में दूरी बनाकर चल रहे थे।
लैपटॉप में छिपे है गहरे राज
नान घोटाले मामले में पूर्व आईएफएस अफसर से ईओडब्ल्यू के अधिकारी कई दौर की पूछताछ कर चुकी है। जांच के दौरान गिरीश शर्मा के लैपटॉप में लेन-देन के कई प्रमाण मिले हैं। इसमें कई महत्वपूर्ण हस्तियों के नाम बताए जाते है। लेकिन,यह सभी कोडवर्ड में है। बताया जाता है कि अब तक छानबीन के दौरान जिन लोगों के नाम सामने आने की बात कही जा रही है। उनके नामों की पुष्टि करने कौशलेंद्र सिंह को एक बार फिर पूछताछ करने के लिए तलब किया गया है। बता दें कि कौशलेंद्र सिंह नान के पहले गैर आईएएस एमडी थे। उन्हें तात्कालीन रमन सरकार ने 2011 में एमडी बनाया था। इस दौरान नान में नई भर्ती को लेकर भी गड़बड़ी हुई थी। इसे देखते हुए 2011 से लेकर 2014 तक के दस्तावेजों की छानबीन की जा रही है।