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सावधान ! कहीं आपके आसपास ‘कोरोना बम’ तो नहीं घूम रहा

कोरोना संक्रमित 5 से 244 होने में लगे महज 11 दिन, फिर भी लोग बरत रहे लापरवाही, प्रशासन की चेतावनी के बाद गाइडलाइन का कर रहे उल्लंघन

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सावधान ! कहीं आपके आसपास ‘कोरोना बम’ तो नहीं घूम रहा

सावधान ! कहीं आपके आसपास ‘कोरोना बम’ तो नहीं घूम रहा

बलौदाबाजार। जिले में कोरोना के तेजी से पैर पसारने के साथ ही साथ प्रशासन द्वारा बार-बार चेतावनी दिए जाने के बाद भी आमजनों तथा कुछ शासकीय कार्यालयों में कोरोना गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। जिसकी वजह से हालात काबू से बाहर जाते नजर आ रहे हैं। जिले में कोरोना की बढ़ती रफ्तार की स्थिति यह है कि जिले में एक्टिव केस के 5 से 244 होने में महज 11 दिन का ही समय लगा है, जिसके बाद आने वाले दिनों की गंभीर स्थिति को आसानी से समझा जा सकता है। कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद भी होम क्वारंटाइन लोग बाजार तथा दुकानों में खुलेआम घूम रहे हैं, जिसकी वजह से दूसरे स्वस्थ लोगों को इन ‘कोरोना बम’ से अधिक खतरा हो गया है।
विदित हो कि जिले में 31 दिसंबर 2021 को कोरोना के एक्टिव केस यानी संक्रमित मरीजों की संख्या महज 5 बची थी तथा उस स्थिति को देखते हुए जिला कुछ ही दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले में शून्य पर आता हुआ नजर आ रहा था। परंतु नए साल के बीते 11 दिनों में ही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 5 से बढक़र 244 हो गई है। यह केवल कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा भर नहीं है, बल्कि संक्रमित मरीजों का आंकड़ा यह बताता है कि कोरोना की वर्तमान लहर जिले में बेहद खतरनाक साबित होती नजर आ रही है। जिले में बेकाबू होती स्थिति के लिए आमजनों के साथ ही साथ प्रशासन का रवैया पूरी तरह से जिम्मेदार है। लापरवाही का अंदाजा केवल इन्ही बातों से लगाया जा सकता है कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के साथ ही साथ जिले के अन्य स्थानों में भी ‘कोरोना बम’ ही कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ाने के लिए बड़ा कारण बनते जा रहे हैं। बलौदाबाजार में कई कोरोना संक्रमित मरीजों को चौक-चौराहे से लेकर पान दुकान तथा बाजारों में आराम से घूमता हुआ देखा जा सकता है। होम क्वारंटाइन किए गए लोगों की प्रशासन द्वारा ना तो पड़ताल की जाती है और ना ही इनके खुलेआम बाहर घूमने पर किसी प्रकार की कार्रवाई की जाती है।
संक्रमितों की पहचान उजागर हो
जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के लिए ‘कोरोना बम’ एक बड़ा कारण है। लिहाजा संक्रमितों की पहचान उजागर किया जाना बेहतर कदम होगा। वर्तमान में जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना संक्रमितों के नाम पर केवल विभिन्न ब्लॉकों में संक्रमितों मरीजों की केवल संख्या भर ही बता दी जाती है। संक्रमित व्यक्ति के द्वारा लापरवाही बरते जाने तथा खुलेआम घूमने की वजह से दूसरे लोगों के बचाव के लिए प्रतिदिन संक्रमित मरीजों की पहचान बताई जानी चाहिए ताकि दूसरे लोगों को अपने मोहल्ले, शहर के संक्रमित व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी हो तथा वो ऐसे संक्रमित मरीजों से दूर रह कर अपना बचाव कर सके।
गुड़ाखू थूकने से भी फैल सकता है कोरोना
सार्वजनिक तालाबों के उपयोग में सामाजिक दूरी के नियमों की अनदेखी और गुड़ाखू सेवन कर थूकने से भी कोरोना फैलने की संभावना रहती है। पता चला है कि तालाब के घाटों में भीड़-भाड़ व यहां गुड़ाखू सेवन कर थूकने तथा इनका अत्यधिक उपयोग भी एक कारण हो सकता है। आमतौर पर लोग तालाब की पचरी घाटों पर इत्मीनान से बैठकर गुड़ाखू करते रहते देखे गए हैं। इस दौरान बातें करते हुए इर्दगिर्द बार-बार थूकते रहते हैं। थूकने के दौरान यदि व्यक्ति कोरोना संक्रमित हों तो कोरोनायुक्त लार की बूंदे आसपास व्यक्ति को संक्रमित कर सकती हैं। सामान्य तौर पर किसी को मालूम नहीं रहता कि उनके आसपास भी कोई कोरोना संक्रमित मौजूद हैं। इसी तरह से सार्वजनिक शौचालयों, एटीएम, बसों-टैक्सियों की भीड़ भी जिले में बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण का बड़ा कारण हो रही है।