
सरकार की इस योजना के नाम पर किसान से लाखों की ठगी, न्याय के लिए लगा रहे कोर्ट और पुलिस के चक्कर
जगदलपुर. ड्रिप स्प्रिंकलर योजना किसानों के लिए वरदान की जगह अभिशाप साबित हुई है। योजना के नाम पर बस्तर ब्लाक के तकरीबन सौ से अधिक किसान दलालों के हाथ ठगी के शिकार बैंक के लाखों रुपए के कर्जदार हो चुके है, जिन्हें अब कोर्ट और पुलिस से भी न्याय नहीं मिल पा रही है।
गौरतलब है कि वर्ष 2009-10 में ड्रिप स्प्रिंकलर योजना के तहत किसानों को सब्सिडी के माध्यम से खेतों में अच्छी फसल की पैदावार का भरोसा दिलाकर दलालों ने सैकड़ों किसानों को भरोसे में लिया था। ड्रिप स्प्रिंकलर के खर्च में आधी सब्सिडी मिलने से किसानों ने रूचि दिखाई। जिसका फायदा उठाकर बलराम चावड़ा और रघु सेठिया ने किसानों को 1 एकड़ खेत में ड्रीप लगाने की बात कहकर अधिकारियों व बैंक से सांठगांठ कर 4 से 10 एकड़ खेत में ड्रिप स्प्रिंकलर लगवाना दर्शाया।
जब किसानों के खाते में उक्त रकम की राशि बैंक से सब्सिडी के साथ मिली, तब दलाल ने किसानों को गुमराह कर इनके खाते से रकम निकाल लिया। इस बात की खबर किसानों को भी नहीं लगने दी। जब बैंक से लाखों रुपए की रिकवरी पत्र मिला, तब किसानों के पैर से जमीन खीसक गई। पता चला जिन खेतों में ड्रिप स्प्रिंकलर कभी लगाया ही नहीं गया है, उसका भुगतान अब किसानों को बैंक को करना है।
दलालों की ठगी का शिकार किसान बैंक के लाखों के कर्जदार हो चुके हैं। किसानों का कहना है कि दलाल ने उन्हें आज इस नौबत में लाकर खड़ा कर दिया है, कि वे अपने खेत बेचकर भी बैंक का कर्ज नहीं चुका पाएंगे। बैंक, कोर्ट और पुलिस से दलालों के विरूद्ध कार्रवाई करने के बजाए हमें मानसिक तौर पर प्रताडि़त कर रही है।
Published on:
09 Dec 2018 03:20 pm
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