Lumpy disease in Bastar: बस्तर में लंपी बीमारी की आमद हो गई है। पशु एवं चिकित्सा विभाग द्वारा जिले के अलग-अलग इलाकों से लिए गए 50 से अधिक सैंपलों में 17 मवेशियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस बीमारी से लड़ने के लिए विभाग मैदान में उतर रहा है।
Lumpy disease in Bastar: बस्तर में लंपी बीमारी की आमद हो गई है। पशु एवं चिकित्सा विभाग द्वारा जिले के अलग-अलग इलाकों से लिए गए 50 से अधिक सैंपलों में 17 मवेशियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस रिपोर्ट के बाद विभाग में हडक़ंप मच गया है। इससे बचने के लिए विभाग के पास सबसे बड़ा हथियार टीकाकरण है। जिसके लिए विभाग मैदान में उतर भी चुका है। हालांकि इस बीमारी(Lumpy disease in Bastar) से निपटने के लिए अभी भी काफी चुनौती है क्योंकि जिले में अभी भी यह कितने इलाके में पहुंचा है इसकी ठीक ठीक जानकारी विभाग के पास नहीं है।
गौरतलब है कि पत्रिका ने पहले ही बताया कि इस बीमारी (Lumpy disease in Bastar)के लक्षण वाले मवेशी लगातार बस्तर में मिल रहे हैं। जिसे विभाग ने भी गंभीरता से लिया। अब इसकी पुष्टि हो गई है। ऐसे में अब फिर से इस बीमारी से लड़ने के लिए विभाग मैदान में उतर रहा है। वहीं मसगांव, करकापाल और साडग़ुड जैसे इलाकों में फिलहाल लंपी वायरस की पुष्टि होने की जानकारी विभाग के पास है।
बीमारी के लक्षण(Symptoms)
लगातार बुखार रहना
वजन कम होना
लार निकलना
आंख और नाक का बहना
दूध का कम होना
शरीर पर अलग-अलग तरह के नोड्यूल दिखाई देना
शरीर पर चकत्ता जैसी गांठें बन जाना
क्या है इसके बचाव(what is its defense)
लंपी रोग से प्रभावित पशुओं को दूसरे पशुओं से अलग रखें
मक्खी, मच्छर, जूं आदि से पशुओं को बचाकर रखे, क्योंकि यह बीमारी को फैलाती है
लंपी वायरस से प्रभावित पशुओं को फिटकरी के पानी से नहलाना चाहिए
रात के समय पशुओं के पास नीम के पत्तों को जलाकर धूवा करें
जहाँ प्रभावित पशु रहता उस पूरे क्षेत्र में कीटाणुनाशक दवाओं का छिड़काव करें
इस वायरस की वजह से पशु की मृत्यु होने पर शव को खुला न छोड़ें
इस वायरस से प्रभावित पशुओं की ज्यादातर मौत हो जाती है
क्या है लंपी वायरस(what is lumpy virus)
लंपी (Lumpy disease in Bastar)स्कीन वायरस एक त्वचा रोग है। जिसकी वजह से पशुओं की स्किन में गांठदार या ढेलेदार दाने बन जाते हैं। इसको कैपरी पॉक्स वायरस के तौर पर भी जाना जाता है। इसको एलएसडीवी कहते हैं। यह वायरस एक जानवर से दूसरे जानवर में फैलता है। यह वायरस (Lumpy disease in Bastar)कैपरीपॉक्स वायरस पॉक्सविरिडाए परिवार के एक उप-परिवार कॉर्डोपॉक्सविर्नी के वायरसों की जीनस है। वायरस के जैविक वर्गीकरण के लिए ‘जीनस’ शब्द का प्रयोग किया जाता है। आसान भाषा में इसे ‘विषाणुओं की जाति’ कह सकते हैं। जीनस में तीन प्रजातियां होती हैं जिसमें - शीप पॉक्स , गोट पॉक्स और लंपी स्किन डिसीज वायरस। कहा जाता है कि यह बीमारी मच्छर के काटने से जानवरों में फैलती है।
संक्रामक बीमारी है लंपी
लंपी बीमारी(Lumpy disease in Bastar) से लड़ना इसलिए भी चुनौती है क्योंकि इसके इलाज के लिए जो व्यवस्था करनी है उसे तैयार करना बेहद मुश्किल है। एक्सपर्ट की माने तो बीमारी से लड़ने के लिए सबसे पहले ऐस लक्षण वाले मवेशियों की जांच की जाती है। लक्षण के बाद से ही इन्हें क्वारंटाइन रखना होता है। क्योंकि यह संक्रामक बीमारी है एक से दूसरे में फैलता है। इसलिए एतिहात के साथ अलग से व्यवस्था करनी होती है। एक रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इनकी दवाएं और अन्य व्यवस्थाएं करनी होती है। इतनी बड़ी मात्रा में मवेशियों को क्वारंटाइन कर इलाज करना बेहद मुश्किल है।
कैसे फैलता है लम्पी वायरस(How does lumpy virus spread?)
लंपी वायरस(Lumpy disease in Bastar) एक संक्रमित रोग है जो एक पशु से दुसरे पशु को हो जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि इसका संक्रमण मुख्य रूप से मच्छरों, मक्खियों, तत्तैयो, जूं आदि से फैल सकता है। इसके अलावा पशुओं के सीधे संपर्क में आने से भी फैल सकती है। खासकर साथ खाने /दूषित खाने और पानी के सेवन करने से भी ये बीमारी फैल सकती है। लंपी (Lumpy disease in Bastar)एक बहुत ही तेजी से फैलने वाला वायरस है। वर्तमान में 15 से भी अधिक राज्यों में इस बीमारी के फैलने की पुष्टि हो चुकी है। इस बीमारी से पशुओं को बचाने के लिए समय पर लक्षणों की पहचान कर उनके आधार पर इलाज शुरू कर देना ही एकमात्र तरीका है।
चंदन कुमार, कलेक्टर बस्तर ने इस मामले को लेकर कहा, जितने मवेशियों में लंपी वायरस मिले हैं उन्हें आइसोलेट कर ट्रीटमेंट करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी की जांच करने उनके लिए अलग से व्यवस्था करने कहा गया है। सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष तौर पर निगरानी रखने के साथ मवेशियों को टीकाकरण में तेजी लाने को कहा गया है।