ये भी पढ़ें: राजधानी में कोरोना के बढ़ते खतरे ने बढ़ाई चिंता: नाईट कर्फ्यू लागू, अब इस समय खुलेंगी दुकानें नर्सिंग पाठ्यक्रम के छात्र अनेक गांवों एवं दूसरे राज्यों से निवासरत हैं। उनके परीक्षा देने आने पर कोरोना संक्रमण का खतरा रहेगा। अभिभावक भी चिंतित हैं। नेताम ने चिट्ठी में लिखा है कि छात्र पहले से ही पाठ्यक्रम में छह माह पीछे चल रहे हैं। ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कर शैक्षणिक सत्र में समानता ला सकते हैं।
ये भी पढ़ें: कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर सियासत: स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट कर PM मोदी से कही ये बड़ी बात नेताम ने छात्र-छात्राओं के हवाले से यह तर्क भी रखा है कि जब पढ़ाई ऑनलाइन हुई है तो परीक्षा भी ऑनलाइन होनी चाहिए। गौरतलब है नर्सिंग छात्र-छात्राओं के आरोप हैं कि विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओं के भविष्य की बिल्कुल भी चिंता नहीं कर रहा, एक भी दिन का अंतराल नहीं दिया गया है। पूर्व में भी युवा कांग्रेस के जिला कार्यकारिणी सदस्य चंदन गुप्ता के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव से मुलाकात कर इस विषय में चर्चा की गई थी।