बायोमैट्रिक जांच के दौरान मुन्नाभाई की पोल खुल गई और वह पकड़ा गया। पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में अपराध दर्ज कर जेल भेज दिया है। मामले में मुन्नाभाई के अलावा मूल परीक्षार्थी को भी आरोपी बनाया गया है। मूल परीक्षार्थी हरियाणा फरार हो गया।
पुलिस के मुताबिक रविवार को महर्षि विद्या मंदिर टाटीबंध में एकलव्य मॉडल स्कूलों के लिए जूनियर सेकेट्रेरिएट असिस्टेंट और हॉस्टल वार्डन के पदों के लिए भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। परीक्षा में हरियाणा के हिसार निवासी सुनील कुमार नाम के परीक्षार्थी को भी सेंटर मिला था।
सुनील को सेकंड पाली की परीक्षा में शामिल होना था। परीक्षा में शामिल होने से पहले सभी परीक्षार्थियों का बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन कराया गया। इसमें परीक्षा देने आए सुनील ने भी रजिस्ट्रेशन कराया। सभी परीक्षार्थियों के रजिस्ट्रेशन का डेटा परीक्षा एजेंसी के दिल्ली मुख्यालय भेजा गया। इसके बाद सभी हॉल में परीक्षा देने लगे।
शाम करीब 4.30 बजे दिल्ली से परीक्षा एजेंसी के कर्मचारी ने स्कूल में ड्यूटी करने वालों को बताया कि सुनील का बायोमेट्रिक मैच नहीं कर रहा है। उसका दोबारा रजिस्ट्रेशन कराएं। इसके बाद सुनील का दोबारा बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन कराया गया और आवेदन फार्म के बायोमेट्रिक निशान से मिलान कराया गया, तो वह अलग निकला। इसके बाद सुनील को परीक्षा देने नहीं दिया गया।
उससे पूछताछ की गई। उसने खुलासा किया वह सुनील नहीं दीपक कुमार है। सुनील के स्थान पर वह परीक्षा दे रहा था। इसके बाद स्कूल वालों आमानाका थाने में मामले की शिकायत की। पुलिस ने मुन्नाभाई दीपक कुमार को गिरफ्तार कर लिया। दीपक के साथ ही सुनील पर भी अपराध दर्ज किया गया है।
मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि सुनील ग्रेजुएट है, जबकि आरोपी दीपक 12वीं तक पढ़ाई किया है। इसके बावजूद सुनील ने उसे अपने स्थान पर परीक्षा देने के लिए कहा था। इसके एवज में दीपक को 2 लाख रुपए देने का आश्वासन दिया था। बताया जाता है कि दीपक इससे पहले कुछ परीक्षाओं में इंटरव्यू तक पहुंचा था। इस कारण सुनील ने उसे अपने स्थान पर परीक्षा देने भेजा था। फिलहाल आमानाका पुलिस ने दीपक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। सुनील की तलाश की जा रही है।