
रायपुर. आदिशक्ति की भक्ति में शहर डूबने को तैयार (Navratri) है। घर-घर पूजा घरों की सफाई, सजाने का काम चल रहा है। देवी मंदिरों में लोग मनोकामना ज्योत (Manokamana Jyot) का पंजीयन कराने पहुंच रहे हैं वहीं शहर में कहीं-कहीं पूजा पंडाल बन रहा है, जहां शेरावाली अनेक रूपों में भक्तों को दर्शन देंगे, परंतु व्यवस्था वीआईपी जैसा। पूजा पंडालों में भीड़ नहीं दूर से दर्शन करने की ही छूट मिलेगी।
करेंगे तो घरों से लेकर मंदिरों-पूजा पंडलों तक भक्तिमय माहौल रहेगा। शक्ति उपासना के पर्व में जितना उत्साह रहता है, उतना ही मन भक्ति का भाव भी। लेकिन, कोरोना काल का ऐसा समय चल रहा है कि लोग देवी मंदिरों, पूजा पंडालों में जाने के बजाय घर में भक्ति, पूजा-अर्चना अधिक करेंगे। क्योंकि जिला प्रशासन की गाइडलाइन बहुत सख्त है।
मूर्तिकार नौ रूपों में मां दुर्गा की मूर्तियों का शृंगार कर रहे हैं। चार और आठ भुजाओं वाली शेरावाली की पूजा पंडालों में दर्शन देंगी। दुर्गोत्सव समितियां शहर में 4 से 5 हजार जगहों पर पूजा उत्सव मनाती रही है, लेकिन इस बार अभी तक नगर निगम के जोनों में केवल 1200 अर्जियां अनुमति के लिए पहुंची हैं।
जनसंपर्क अधिक मिलिंग खेर ने बताया कि सभी ,शतों का पालन करने की शर्त पर ही अनुमति दी जा रही है। शारदीय नवरात्रि पर्व 17 अक्टूबर को प्रारंभ होने जा रहा हैं। देवी मंदिरों में पूरी संख्या की आधी मनोकामना ज्योत का पंजीयन 16 अक्टूबर तक करना तय किया है। सबसे प्राचीन महामाया मंदिर में तो चैत्र नवरात्रि के समय जितने लोगों ने पंजीयन कराया था उतनी ही ज्योत जलेगी।
Published on:
15 Oct 2020 10:23 am
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