1 अक्टूबर के बाद से लागू
वर्तमान में रायपुर शहर में हजारों लोग किराएदार के रूप में रह रहे हैं। पुलिस का यह नियम 1 अक्टूबर के बाद किराएदार के रूप में रहने वालों पर लागू होगा। इन किराएदारों की निर्धारित फार्म में आवश्यक जानकारी मकान मालिक को देनी होगी। यह जानकारी नहीं देने पर पुलिस मकान मालिक के खिलाफ धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज किया जाएगा।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
किराएदारों की जानकारी नहीं देने वालों के खिलाफ पुलिस ने पहले भी फरमान जारी किया था। प्रारंभ में कुछ कार्रवाई हुई, लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया। उल्लेखनीय है कि शहर के आउटर और इंडस्ट्रियल इलाके में पिछले कई सालों से अधिकांश लोग किराएदार के रूप में ही रह रहे हैं।
इसलिए हो रहा वेरीफिकेशन
दूसरे राज्य या शहर के अपराधिक प्रवृत्ति के लोग शहर में किराएदार के रूप में रहते हैं। और छोटा-मोटा काम करते हैं। इसके बाद लूट, डकैती, चोरी, ठगी या अन्य कोई बड़ा अपराध करके भाग निकलता है। उसकी जानकारी नहीं होने के कारण पुलिस उनको जल्दी पकड़ भी नहीं पाती है। अगर उसकी जानकारी किसी थाने में होती, तो पुलिस उसे आसानी से पकड़ लेती है।
हो चुकी है कई घटनाएं
रायपुर में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें किराएदार शामिल थे। और उनके मकान मालिकों ने कोई जानकारी थाने में नहीं दी थी। बड़ा उदाहरण सदरबाजार स्थित नगीना जेम्स में हुई चोरी है। यहां काम करने वाले दो कर्मचारी सराफा कारोबारी के मकान में ही किराएदार के रूप में रहते थे। इनकी जानकारी कोतवाली थाने में जमा नहीं कराई गई थी। यही वजह है कि दोनों आरोपी आज तक पकड़े नहीं गए हैं।