
गर्मी और लू से बचना है तो खाइए ये बोरे-बासी, BP रहेगा कंट्रोल
सत्यनारायण शुक्ला/भिलाई. मई में गर्मी पूरे प्रचंड पर है। ऐसा लग रहा है जैसे आसमान से आग के गोले बरस रहे हैं। अभी ये हाल तो नवतपा में क्या स्थिति होगी इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। गर्मी का आलम यह है कि पंखे गरम हवा फेंक रहे और कूलर की कुलिंग क्षमता कम हो गई है। ऐसे एकमात्र सहारा है छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध और जायकेदार भोजन बोरे और बासी। बोरे और बासी खाने से न सिर्फ गर्मी और लू से राहत मिलती है बल्कि बीपी कंट्रोल रहता है डि-हाइड्रेशन की समस्या नहीं होती।
छत्तीसगढ़ प्रांत के लोग आधुनिकता के चलते अपने खान-पान भूलते जा रहे हैं। वहीं विदेशों में लोग बोरे-बासी खा रहे हैं। दुनिया के सबसे आधुनिक कहे जाने वाले देश अमरीका में छत्तीसगढ़ के बोरे-और बासी पर शोध हुआ है। अमरीका ने बासी पर शोध कर इससे होने वाले फायदे और वैज्ञानिक कारण ढूंढ निकाला है। बासी का वैज्ञानिक और अंग्रेजी नाम है (होल नाइट वाटर सोकिंग राइस) अमरीका शोध के मुताबिक बासी खाने से न सिर्फ गर्मी और लू से राहत मिलती है बल्कि हाइपरटेंशन सहित बीपी भी नियंत्रित रहता है।
कुछ लोग बोरे और बासी को एक ही समझते हैं। उसे बताना चाहेंगे कि बोरे और बासी में क्या अंतर होता है। खाने के बाद बचे चावल को रातभर पानी में डुबाकर रखते हैं उसे बासी कहते है और सुबह खाते हैं। वहीं रात को बने चावल को ठंडा होने के बाद पानी डालकर रात में खाते हैं उसे बोरे कहते हैं।
बोरे और बासी को ऐसे ही नहीं खाया जाता है। बासी के लिए सबसे जरुरी चीज है नमक। छत्तीसगढ़ के लोग इसे सुबह छाछ, दही और भरपूर मात्रा में नमक डालकर हर्री मिर्ची और प्याज के साथ खाते हैं। वहीं उच्च वर्ग और संपन्न लोग आचार, पापड़ और बिजौरी के साथ खाते हैं। अब नई पीढ़ी के लोग मिक्सचर (नमकीन) के साथ खाने लगे हैं।
बासी खाने के बाद प्यास लगती है इससे व्यक्ति पानी ज्यादा पीता है। पानी ज्यादा पीने से डि-हाइड्रेशन की समस्या अपने-आप खत्म हो जाती है। इसी तरह बासी या बोरे खाने के बाद शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है नींद भी जल्दी और अच्छी आती है। भर्री गर्मी में दिनभर काम करने वाले मजदूरों का तामपान बासी खाने के कारण ही नियंत्रित रहता है।
बासी न सिर्फ छत्तीसगढ़ प्रांत में खाया जाता है बल्कि ओडिशा राज्य में भी लोकप्रिय है। इसके अलावा चावल पैदावार वाले दक्षिण भारत के कई राज्यों में भी खाया जाता है। वहां नाम और खाने के तरीके अलग है। आंध्रप्रदेश और केरल के लोग सांभर, रस्सम और इमली पानी (चारु पानी) के साथ खाते हैं।
Published on:
23 May 2018 03:46 pm
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