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रायपुर

अपर कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर कर जारी किया आदेश, ऐसे हड़प ली करोड़ों की जमीन

Crime News : कोर्ट बाबू सहित 7 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना, साजिश का अपराध दर्ज किया गया है।

रायपुरNov 30, 2023 / 11:23 am

Kanakdurga jha

अपर कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर कर जारी किया आदेश

अपर कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर कर जारी किया आदेश

रायपुर। Crime News : दूसरों की जमीन हड़पने कितनी अधंरेगर्दी चल रही है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक अपर कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर करके सिलिंग की जमीन को सिलिंग मुक्त करने का आदेश जारी कर दिया। इसके बाद जमीन मालकिन का फर्जी वसीयतनामा बनाकर दूसरों को बेच दिया। फिर उसी जमीन को दूसरे की जमीन पर प्रदर्शित करके हड़पने लगे। इसकी शिकायत पर कोर्ट ने मामले की जांच की। इसके बाद कोर्ट बाबू सहित 7 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना, साजिश का अपराध दर्ज किया गया है।
जानकारी के मुताबिक संतोषी नगर खमतराई निवासी रविशंकर प्रसाद गुप्ता और उनके भाई विजयशंकर गुप्ता ने ग्राम खमतराई स्थित खसरा नंबर 435/4 रकबा 0. 124 हेक्टेयर भूमि को 28 अगस्त 1990 को गिरजा बाई से खरीदा था। इस खसरे की बाकी 0.168 हेक्टेयर भूमि सिलिंग में चली गई थी। रवि और उनके भाई अपनी जमीन पर काबिज थे। सिलिंग कार्रवाई खत्म होने के बाद 4 जुलाई 2019 को जगदलपुर निवासी अशोक मनाना और उनकी बेटी अनुष्का मनाना ने एक साजिश के तहत नगर भूमि सीमा शाखा के रीडर अमित कुमार शर्मा से मिलीभगत करके सिलिंग मुक्त का आदेश जारी करवाया। आदेश के लिए आवेदन एडवोकेट गयासुद्दीन अहमद बनवाया गया था। आदेश में तत्कालीन अपर कलेक्टर के कथित हस्ताक्षर भी थे। सिलिंग मुक्त आदेश के साथ एक फर्जी नक्शा भी लगाया गया था, जिसमें पृष्ठ क्रमांक नहीं था।
फर्जी सिलिंग आदेश के बाद गिरजा बाई का फर्जी वसीयतनामा बनाया गया। वसीयतनामा के आधार पर उस जमीन को अशोक मनाना और उनकी बेटी अनुष्का मनाना ने 22 अक्टूबर 2020 को रायपुर के अमित पटेल, निशा पटेल, जादवजी भाई पटेल और कमलाबेन पटेल को लाखों रुपए में बेच दिया। इस विक्रय पत्र में खसरा नंबर 435/16 का कोई नक्शा नहीं लगा था और न ही पटवारी के नक्शे में कोई बटांकन है। दरअसल आरोपियों ने पीड़ित रविशंकर की खसरा नंबर 435/4 रकबा 0. 124 हेक्टेयर भूमि को खसरा नंबर 435/16 के रूप में प्रदर्शित करके उसे हड़पने की साजिश रची थी। इसके लिए आरोपियों ने रविशंकर के रजिस्ट्री ऑफिस में 28 अगस्त 1990 के विक्रय पत्र में दर्ज नक्शे और सिलिंग प्रकरण के नक्शे में भी छेड़छाड़ किया था।यह सब शाखा के रीडर अमित कुमार की मिलीभगत से हुआ था। मामले से जुड़ी महत्वपूर्ण फाइल भी उसी के पास है।
जब आरोपी जमीन पर कब्जे के लिए रविशंकर पर दबाव बनाने लगे, तब उसने पूरे मामले की पुलिस में शिकायत की। वहां कार्रवाई नहीं होने पर न्यायालय में केस लगाया। मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भूपेश कुमार बसंत के कोर्ट में चला। सुनवाई के दौरान तत्कालीन अपर कलेक्टर के बयान हुए। उन्होंने खुलासा किया कि सिलिंग आदेश में जो हस्ताक्षर हुए हैं, वो उनके नहीं हैं। अन्य लोगों के भी बयान हुए, तो उसमें कई विरोधाभासी तथ्य आए। इससे पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इसके बाद कोर्ट ने आरोपियों अशोक मनाना, अनुष्का मनाना, अमित पटेल, निशा पटेल, जादवजी भाई पटेल और कमलाबेन पटेल के साथ कलेक्टोरेट के नगर भूमि सीमा शाखा के रीडर अमित कुमार शर्मा के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 466, 471, 120बी, 34 के तहत अपराध दर्ज किया। इसके साथ ही आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी करने का आदेश दिया है।

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