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छत्तीसगढ़ में जन गण मन यात्रा: पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने कहा- पढ़े-लिखे वोट नहीं करते, लोकतंत्र पर खतरा

Patrika Jan gan Man yatra in cg : पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने ने कहा- स्वस्थ लोकतंत्र के लिए पढ़े-लिखे और अच्छे लोगों का आगे आना जरूरी है। लेकिन, ज्यादातर पढ़े-लिखे लोग वोट डालने ही नहीं निकलते..

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Patrika Jan gan Man yatra in cg : स्वस्थ लोकतंत्र के लिए पढ़े-लिखे और अच्छे लोगों का आगे आना जरूरी है। लेकिन, ज्यादातर पढ़े-लिखे लोग वोट डालने ही नहीं निकलते। खासतौर पर शहरी इलाकों में। इसमें बड़ी आबादी मिडिल क्लास की है। लोकतंत्र पर यह बड़ा खतरा है। छत्तीसगढ़ में जन गण मन यात्रा के तहत रायपुर पहुंचे पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने मंगलवार को विभिन्न समूहों से चर्चा में ये बातें कही। उन्होंने कहा, राजनीति का स्तर गिरता जा रहा है। चुनाव में नेता 10 करोड़ खर्च करते हैं। इस सोच के साथ कि 20-25 करोड़ कमा लूंगा। इनके वोट बैंक फिक्स हैं। गरीब आबादी। सभी सरकारों का फोकस इन्हीं पर है। इनके लिए खूब योजनाएं भी बनती हैं। कभी सोचा क्यों? क्योंकि यही वो बड़ी आबादी है जो वोट डालने निकलती है। बाकी सभी 5 साल तक मंत्री-नेताओं को कोसते रहते हैं। युवाओं में मतदान के प्रति जागरूकता की कमी का बड़ा कारण माता-पिता हैं। आज के अभिभावक बच्चों से इतना स्नेह करते हैं कि उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का बोध तक नहीं कराते। पढ़े-लिखे को पता है कि कौन सही है तो वोट डालने भी आगे आना चाहिए। अच्छे नेता चुनकर आएंगे, तभी समाज का भला होगा।

मुफ्त की घोषणाएं जब तक वोट तय करेंगी, विकास नहीं

Patrika Jan gan Man yatra in cg : कोठारी ने कहा कि हर राजनीतिक पार्टी आज मुफ्त की घोषणाएं करती हैं। इसी के दम पर वह चुनाव जीतती हैं। अपने स्वार्थ की पूर्ति करती हैं। जब देने वाला तैयार है और लेने वाला भी तैयार है तो इसे बदला नहीं जा सकता। बदलाव के लिए लोगों को सोचने की जरूरत है। किसी को देने के बजाय उसे सक्षम बनाइए। टैक्स पेयर्स का पैसा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा तो शहर, प्रदेश और देश का विकास होगा। आम जनों की समझदारी ही मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के कल्चर को पूरी तरह खत्म कर सकता है।

सरकारें नेता नहीं, ब्यूरोक्रेट्स चला रहे इसलिए जनता परेशान
गुलाब कोठारी ने कहा कि आज सरकार नेता नहीं, ब्यूरोक्रेट्स चला रहे हैं। सरकार जब नेता चलाएंगे तो परेशानियां भी कम होंगी। इस कमजोरी की बड़ी वजह है कि हमारे ज्यादातर नेता कम पढ़े-लिखे हैं। अपने विभाग की स्पेलिंग तक नहीं लिख पाएंगे, वे भी मंत्री हैं। ऐसे मंत्री, अफसरों के भरोसे रह जाते हैं। भ्रष्टाचार की जड़ें यहीं से मजबूत होती हैं। अगर भ्रष्टाचार का पता पूछा जाए तो वह अफसरों की गलियों से होकर गुजरता है। लोकतंत्र की इस सबसे बड़ी चुनौती का समाधान बताते हुए कोठारी ने कहा, माता-पिता अपने बच्चों को संस्कारवान बनाएं। इसके लिए बच्चों को रोज कम से कम आधा-एक घंटा समय देना जरूरी है। बचपन से ही उन्हें सही-गलत का अंतर सिखाएं। इससे समाज में अच्छे लोग आएंगे। जब ये लोगों का नेतृत्व करेंगे तो परिस्थितियां बदल जाएंगी। बेहतर भविष्य का निर्माण होगा।

ये भी रहे मौजूद
रिटायर्ड आईएएस सुशील त्रिवेदी, कांग्रेस से प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला, विकास तिवारी, केदार गुप्ता, रसिक परमार, आम आदमी पार्टी से सूरज उपाध्याय आदि मौजूद रहे। इनके अलावा जैनम मानस समिति के महेंद्र धाड़ीवाल, विवेक डागा, प्रेमचंद लुणावत, संतोष बैद, पदम बोथरा, सुमित नाहटा, प्रतीक नहाटा, तनय लुनिया, प्रवीण सिंघी, दीपक खटोड़, योगेश अग्रवाल, राजकुमार राठी, राज कुमार कक्कड़, सत्येंद्र कोहली, सतीश भूटानी, अशोक मग्गू, जवाहर खन्ना, सुरेश वाही, गोकुल दास डागा, नवरतन माहेश्वरी, पवन करनानी, शंकर मोहता, प्रफुल्ल बूब, करण बूब, जयकिशन मोहता, दीपक लड्ढा, भागीरथ चांडक, ललित बागड़ी, विकास मालानी, राम अग्रवाल, विनीत अग्रवाल, आयुष मुरारका आदि मौजूद रहे।