उल्लेखनीय है कि चार वर्ष पहले 1.93 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बावजूद इस तालाब का सौन्दर्यीकरण नहीं हो पाया है। तालाब की पूरी तरह से सफाई नहीं होने की वजह से यह तालाब फिर से जलकुंभी से पट गया है। अब बहुत कम लोग इस तालाब में नहाते है। जनप्रतिनिधियों व नगर पंचायत की उदासीनता के कारण यह प्राचीन तालाब अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। एक तरफ जहां अमृत सरोवर के तहत गामीण क्षेत्रों में नवीन तालाबों का निर्माण कराया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत लवन में प्राचीन तालाबों की देखरेख को लेकर जिम्मेदार सजग दिखाई नहीं दे रहे है। बूढ़ा तालाब 115 एकड़ में फैला हुआ है। इस संबंध में ठेकेदार जितेन्द्र केशरवानी से चर्चा करने के लिए उसके मोबाइल नंबर के माध्यम से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उसने मोबाइल रिसिव करना मुनासिब नहीं समझा।
बूढ़ा तालाब की सौंदर्यकरण के लिए लगभग 2 करोड़ रुपए की राशि की स्वीकृति प्रदान हुई थी। 4 से 5 साल बीतने को है, अब तक बूढ़ातालाब की सफाई नहीं की गई है। जिसके चलते लोग गंदे पानी में नहाने को मजबूर है।
– अयोध्या जायसवाल, पूर्व पार्षद, नगर पंचायत लवन
बरसात के सीजन की वजह से काम बंद था। चूंकि, इस तालाब का सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा नहीं हो पाया है, इस वजह से तालाब के पानी को खाली कराकर सौंदर्यीकरण के कार्य को फिर से कराया जाएगा।
– मीना बार्वे, अध्यक्ष, नगर पंचायत लवन
बरसात के नाम से काम रुका हुआ था। तालाब की पूरी तरह से सफाई नहीं हो पाने की वजह से जलकुंभी पुन: उग आई है। तालाब का पानी गंदा हो गया है, जिससे फिर से खाली कराकर गहरीकरण का कार्य कराया जाएगा। क्योंकि, इस तालाब का सौंदर्यीकरण का कार्य पुराने दर पर स्वीकृत हुआ है, जिसमें स्वीकृति राशि बढ़वाकर सौंदर्यीकरण के कार्य को कराया जाएगा।
– रामकुमार साहू, उपाध्यक्ष, नगर पंचायत लवन