
छत्तीसगढ़ में घट रहा कोरोना से मौत का आंकड़ा, स्वास्थ्य विभाग को 'शून्य’ का इंतजार
रायपुर. कोरोना संक्रमण बढ़ते ही स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। संक्रमण की पहचान के लिए सैंपल देने के 4-5 दिनों बाद पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद Home Isolation में रहने वाले मरीजों को 48 घंटे बाद भी दवाएं नहीं पहुंच पा रही है।
संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन के कंट्रोल रूम में फोन लगा रहे हैं, लेकिन हमेशा इंगेज होने की वजह से मदद नहीं मिल पा रही है। निजी अस्पताल के डॉक्टरों से पूछकर मरीज मेडिकल दुकानों से दवा खरीदने के लिए मजबूर हैं। COVID Hospital में भी संक्रमितों की सही से देखभाल नहीं हो पा रही है। मरीजों को सही समय पर दवाएं नहीं दी जा रही है, जिससे ज्यादा गंभीर होने पर हायर सेंटर रेफर होना पड़ रहा है।
4 बार पूछकर गए, लेकिन नहीं लौटे वापस
माना के सिविल अस्पताल में धरसींवा का संक्रमित व्यक्ति गुरुवार से भर्ती है। पीड़ित ने बताया कि शुक्रवार को सिर में काफी दर्द हो रहा था। उन्होंने अस्पताल के डॉक्टर को इसकी जानकारी दी। इसके अलावा 4 बार स्वास्थ्य कर्मचारी तबीयत पूछने के लिए आए तो उन्होंने सभी को सिर में दर्द होने की बात बताई, लेकिन कोई भी दवा लेकर नहीं आया।
कंट्रोल रूम का नहीं मिला नंबर
गुढियारी के रहने वाले 38 वर्षीय राजीव (परिवर्तित नाम) ने दो दिनों पहले कियोस्को ऑटो से जांच कराई थी। राजीव के साथ उनकी पत्नी व बेटी की रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। रिपोर्ट आने के बाद राजीव ने होम आइसोलेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया, लेकिन सफल नहीं हुए। उन्होंने मदद के लिए कंट्रोल रूम में फोन लगाया जो इंगेज बताया।
रायपुर की सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने कहा, कोविड अस्पतालों में मरीजों की सही से देखभाल की जा रही है। अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली, फिर भी प्रभारी से बातचीत करती हूं। होम आइसोलेशन के मरीजों को दवा पहुंचाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है।
Updated on:
14 Apr 2021 03:42 pm
Published on:
14 Apr 2021 03:29 pm
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