
Raipur News: न्यायालय में पेश होने आए आरोपी की वकीलों ने जमकर पिटाई कर दी थी। इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। मार खाने वाले विचाराधीन बंदी की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने वकीलों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। पीड़ित ने जेल से शिकायत किया था। इसमें उसने आरोप लगाया है कि कुछ वकीलों के खिलाफ हवाला सहित अन्य गंभीर अपराधों की लगातार शिकायत किया था।
इस वजह से उसे फंसाया गया है। फिलहाल पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर वकीलों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। वीडियो के आधार पर मारपीट करने वाले वकीलों की पहचान की जा रही है। उल्लेखनीय है कि शिवानंद नगर निवासी अजय सिंह ने अपने साढू भाई मनोज सिंह से गुरुवार की सुबह मारपीट की थी। इस दौरान एडवोकेट दीर्घेश शर्मा से भी मारपीट की थी। इस मामले में अजय के खिलाफ खमतराई थाने में अपराध दर्ज हुआ था।
पुलिस ने अजय को गिरफ्तार कर शुक्रवार शाम को जेएमएफसी हर्षवर्धन जायसवाल के न्यायालय में विचाराधीन बंदी के तौर पर पेश किया था। इस दौरान कोर्ट के वकीलों ने पुलिस अभिरक्षा में होने के बावजूद आरोपी अजय पर हमला किया। उसे बुरी तरह पीटा गया। इससे उसकी जान भी जा सकती थी। पुलिस ने किसी तरह से उसे बचाकर पुलिस वाहन में बैठाया।
इसके बाद उसे जेल ले गए। मारपीट से अजय को काफी चोटें आई थी। जेल दाखिल होने के बाद अजय ने सिविल लाइन थाने में वकीलों के खिलाफ शिकायत की। इस पर सिविल लाइन पुलिस ने अज्ञात वकीलों के खिलाफ बीएनएस की धारा 115(2) और 191(2) के तहत अपराध दर्ज किया है।
विचाराधीन बंदी अजय ने वकीलों के खिलाफ की गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि उसने पूर्व में अधिवक्ता दीर्घेश शर्मा, मनोज सिंह, अभिनंदन जैन, मोहित मित्तल, अंकुर गोयल व अविनाश माखिजा के विरूद्ध हवाला कारोबार व अन्य गंभीर अपराध के विरूद्ध रिपोर्ट लिखवाया था। इस कारण मुझे षडयंत्र कर उपरोक्त धारा लगवाकर जेल आमद क्रमश: करवाए हैं। मैं मेरे ऊपर हुए मारपीट की घटना की जांच करवाना चाहता हूं।
Updated on:
19 Jan 2025 12:53 pm
Published on:
19 Jan 2025 12:52 pm
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