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रायपुर

चोरो का मैनेजमेंट देखिए, पहले परिवार को बांधा, फिर एक-एक करके किया ये…

Robbery in Raipur: करीब दो साल पहले टिकरापारा थाना क्षेत्र की सांईवाटिका कॉलोनी में जिस तरीके से डकैती हुई थी, उसी पैटर्न पर माना में भी घटना हो गई। आउटर के एक मकान में आधी रात डकैतों ने धावा बोला।

रायपुरMar 16, 2024 / 12:55 pm

Shrishti Singh

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Raipur Crime News: करीब दो साल पहले टिकरापारा थाना क्षेत्र की सांईवाटिका कॉलोनी में जिस तरीके से डकैती हुई थी, उसी पैटर्न पर माना में भी घटना हो गई। (Robbery) आउटर के एक मकान में आधी रात डकैतों ने धावा बोला। (Theft) घर में सो रहे परिवार को बंधक बनाया फिर नकदी सहित लाखों के गहने लूटकर भाग निकले। (Crime) वारदात में बाहरी गिरोह पर शक है।
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पुलिस के मुताबिक माना बस्ती में पोद्दार स्कूल के पास कृषि विभाग में सहायक ग्रेड-3 के रूप में पदस्थ प्रख्यात चंद्राकर अपने परिवार के साथ रहते हैं। रात करीब 2.30 बजे तीन-चार लोग उनके घर की दीवार फांद कर भीतर घुस गए।
जाली वाले दरवाजे को एक हिस्से से काटकर भीतर की सिटकनी को खोल ली। फिर दूसरे दरवाजे के किनारे से तार डालकर उसकी सिटकनी को खोलकर मकान में घुस गए। पहले प्रख्यात के कमरे में गए। उस कमरे में कोई अलमारी नजर नहीं आई, तो डकैत बाहर निकल गए। बगल के कमरे में प्रख्यात की मां उमादेवी चंद्राकर (58) सो रही थीं। उस कमरे अलमारी थी। उसे खोलने लगे, तो उसकी आवाज से उमादेवी की नींद खुल गई। आरोपियों ने उसे अपने कब्जे में ले लिया। तकिए से उनका मुंह दबा दिया। इसके बाद आलमारी का लॉकर खोलकर उसमें रखे 40 हजार कैश और लाखों के सोने-चांदी के गहने निकाल लिए। इस बीच डकैतों ने बुजुर्ग महिला पर हमला भी किया शोर सुनकर प्रख्यात अपने कमरे से निकले तब तक सभी अलग-अलग दिशा में भाग निकले।
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पीड़ितों ने तीन आरोपियों के बारे में बताया है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। फिलहाल प्रारंभिक जांच में पूरा मामला चोरी का है। और तथ्य सामने आने पर अन्य धाराएं भी जोड़ी जाएगी। – भावेश गौतम, टीआई, माना
माना में कृषि विभाग के कर्मचारी के घर डकैती करने वाले काफी शातिर हैं और पूरी तैयारी से आए थे। घटना से पहले गली की स्ट्रीट लाइट को फोड़ दिए थे, जिससे घटना स्थल और गली में अंधेरा हो गया था।
डकैती में मध्यप्रदेश व बिहार के गैंग के हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। डकैतों ने प्रख्यात चंद्राकर के घर डकैती डालने से पहले पास के एक और मकान में घुसने की कोशिश की थी। उसमें सफल नहीं हो पाए थे। पहले डकैतों ने रात करीब 2.30 बजे मोहल्ले के एक मकान के दरवाजे को खोलने की कोशिश की, लेकिन आवाज सुनकर मकान मालिक ने भीतर से आवाज लगाया। फिर डकैत वहां से चले गए। उसके दो मकानों आगे प्रख्यात का मकान था। फिर डकैत वहां पहुंचे।
करीब 25 मिनट में पूरी वारदात करके बाहर निकल गए। घर के बाहर अंधेरा होने के कारण डकैतों को भागते हुए सही ढंग से देख नहीं पाए। प्रख्यात ने आरोपियों का कुछ दूर तक पीछा भी किया था। डकैत अलग-अलग दिशा में भागे हैं, लेकिन स्कूल के पीछे मिले हैं। इसके बाद हाइवे से फरार हो गए।
तार से घर का दरवाजा खोलकर अंदर घुसे: डकैतों ने जाली वाले दरवाजे को खोलने के बाद मेन दरवाजा पर सिटकनी के पास एक छेद किया। छेद से एक तार डालकर सिटकनी को भीतर से खोल लिया। इसके बाद चुपचाप मकान में घुस गए। इस तरह से दरवाजा खोलकर चोरी की घटनाएं विधानसभा और धरसींवा इलाके में भी हो चुकी है।
लूटपाट के बाद लुटेरे नहर किनारे होते हुए हाइवे के रास्ते फरार हो गए हैं। पोद्दार स्कूल के पीछे नहर के पास लूटे गए गहनों के खाली डिब्बे, जमीन के दस्तावेज व अन्य सामान मिले हैं। आशंका है कि डकैत किसी वाहन में सवार होकर हाइवे से अए थे। फिर वारदात करके इसी रास्ते से फरार हो गए। इसमें बाहरी गिरोह की आशंका है।
मकान में घुसे तीन आरोपियों में से एक ने चेहरे पर नकाब लगा रखा था। बाकी दो का चेहरा खुला था। मजदूरों जैसे सामान्य कपड़े पहने हुए थे। हाथ में डंडा और पत्थर भी रखे थे। बातचीत में हिंदी बोल रहे थे। घटना में मध्यप्रदेश के पत्थर गैंग की आशंका जताई जा रही है। हालांकि पुलिस लोकल गिरोह को भी जांच के दायरे में लिया है। अप्रैल 2022 में टिकरापारा के देवपुरी इलाके के सांई वाटिका में भी इसी पैटर्न पर दवा कारोबारी दिनेश साहू के घर डकैती हुई थी।
पीड़िता उमादेवी चंद्राकर ने बताया कि लुटेरों के हमले से घायल उमादेवी ने बताया कि कमरे में अचानक कुछ आवाज सुनकर उनकी नींद खुल गई। कमरे की लाइट बंद थी। बिस्तर से कुछ दूर एक व्यक्ति खड़ा हुआ नजर आया। अंधेरा होने के कारण उसे पहचान नहीं पाए। मुझे लगा की उनका बेटा प्रख्यात है। उन्होंने बेटा समझकर आवाज दी। इतने में तीन लोगों ने मुझे पकड़ लिया। मेरा मुंह दबा दिया। तकिए से मुंह दबाकर शांत करा दिया। उन्होंने पूरी तरह से बंधक बना लिया। इसके बाद लॉकर खोलकर उसमें रखे नकदी और गहने निकाल कर अपने पास रख लिए। लॉकर में स्वीडन निवासी उसकी बेटी के जेवर भी रखे थे। कमरे में रखी पेटी और अन्य चीजों की तलाशी ली। उसमें रखे अन्य सामान भी लेकर आरोपी लोग घर के बाहर निकलने लगे। आरोपियों ने प्रख्यात का कमरा बाहर से लकड़ी लगाकर बंद कर दिया गया था।
पीड़ितों ने मकान में तीन आरोपियों को देखा है, लेकिन उनके बाकी साथी बाहर भी थे। वारदात के बाद सभी अलग-अलग दिशा में भाग निकले थे। इस कारण कुछ लोगों को देख नहीं पाए। इसलिए पूरा मामला डकैती का माना जा रहा है। पीड़ित का मकान बस्ती के आउटर में है। दूसरे मकान भी दूर-दूर में हैं। पीड़ित के मकान में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा और न ही आसपास के मकानों में है। इस कारण आरोपियों के आने-जाने का कुछ पता नहीं चल पा रहा है। आउटर में मकान होने के कारण ही लुटेरों ने उसे अपना निशाना बनाया है। पुलिस ने मामले की तकनीकी जांच भी शुरू कर दी है।

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