सीबीआई (CBI) ने सीडी केस की सुनवाई प्रदेश से बाहर करवाने की मांग की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। प्रदेश में मामले की सुनवाई होने को लेकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गवाहों पर दबाव और जांच को प्रभावित करने की बात कहते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामले की आगे की सुनवाई दिल्ली में करवाने के आदेश दिए हैं। दरअसल, सीबीआई ने कथित अश्लील सीडी कांड (Chhattisgarh Sex CD Case) की सुनवाई छत्तीसगढ़ के बजाय किसी दूसरे हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। सीबीआई ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच में अर्जी लगाई है। 29 सितंबर को याचिका पेश की गई।
सीडी कांड में रिंकू खनूजा की खुदकुशी के बाद सीबीआई ने अप्रत्यक्ष तौर पर जांच में तेजी नहीं दिखाई। सरकार बदलने के बाद से ही मामले की जांच को लेकर कई तरह की बातें हो रही थीं। उनमें से एक ये भी थी कि सीबीआई इस मामले की सुनवाई छत्तीसगढ़ में नहीं कराना चाहती।
सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका में कैलाश मुरारका और चार और लोगों को प्रतिवादी बनाया था। 27 अक्टूबर 2017 को एक पूर्व मंत्री की कथित सीडी उजागर होने के बाद प्रदेश में राजनीतिक भूचाल आ गया था।