4 अप्रैल को कोरबा में कामठी, महाराष्ट्र से आए 16 वर्षीय किशोर में वायरस की पुष्टि हुई थी। जो पुरानी बस्ती इलाके में स्थित मस्जिद में ठहरा हुआ था। दूसरा केस 8 की रात में रिपोर्ट हुआ, जो मस्जिद के समीप का रहने वाला था। 9 अप्रैल को प्रशासन जब तक और ज्यादा मुस्तैद होता, दोपहर को सात नए लोगों में वायरस मिलने की खबर एम्स रायपुर से निकलते हुए कोरबा समेत समूचे देश में फैल गई। स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक ने रायपुर कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में और कलेक्टर कोरबा किरण कौशल ने कोरबा में आपात बैठ ली।
इन जिलों में बढ़ाई गई निगरानी-
सूत्रों की मानें तो कटघोरा, कोरबा, पेंड्रा, अंबिकापुर, दुर्ग-भिलाई, रायपुर और रायगढ़ में तबलीगी जमात के लोगों पर सर्विलेंस और बढ़ा दिया गया है। कोरबा के तबलीगी जमाती जो मरकज में शामिल हुआ था, उससे पूछताछ जारी है। उससे सवाल-जवाब किए जा रहे हैं कि राज्य से कितने लोग मरकज में गए थे।
कामठी का किशोर कोरोना सोर्स-
स्वास्थ्य विभाग कामठी से आए 16 साल के किशोर को कोरोना सोर्स मान रही है। क्योंकि यह 17 लोगों के जत्थे के साथ बिलासपुर होते हुए 13-14 मार्च को कटघोरा पहुंचा था। मस्जिद में सभी ठहरे हुए थे। इन्हें 22-23 मार्च को क्वारंटाइन किया गया, वह भी मस्जिद में। इन्होंने क्वारंटाइन नियमों का कोई पालन नहीं किया। यहां तक की मस्जिद में लोग नमाज पढऩे आते-जाते रहे। यह युवक इस दौरान कई लोगों के संपर्क में आया, जिनमें पॉजिटिव मरीज भी हैं। यहां यह स्पष्ट कर दें कि दिल्ली मरकज में शामिल हुआ एक व्यक्ति जत्था का सदस्य है, पर उसकी रिपोर्ट निगेटिव है।
कम्प्यूनिट स्प्रेड का डर इसलिए…
पत्रिका ने संक्रमित व्यक्ति की हिस्ट्री निकाली। पता चला कि वह कटघोरा बस स्टैंड में एजेंट का काम करता है। लॉक-डाउन लगने के बाद बसें बंद हो गई। फिर वह नगर के एक मार्ग पर स्थित आलू दुकान में काम करने लगा। बताया जा रहा है कि पिछले 7 दिन से वह उसी जगह पर काम कर रहा था। इसी बीच में जब उसे समय मिलता, तो वह दूसरी दुकान में सुपाड़ी तोडऩे का काम करता था। इन सबके बीच वह काफी लोगों से मिला। सोचिए, उसने कितनों को संक्रमित किया होगा। इस व्यक्ति के परिवार के सभी सदस्यों को क्वारंटाइन कर दिया गया है, इसके साथ ही अन्य पॉजिटिव मरीजों के परिजनों को भी।
पत्रिका ने चेताया था, ‘खतरा अभी टला नहीं है, 77 हजार लोग क्वारंटाइन में…
समूचा छत्तीसगढ़ जो अब तक कोरोना वायरस के कहर से सुरक्षित माना जा रहा था। यह कहा जा रहा था कि स्थिति नियंत्रण में है, मगर अब कटघोरा में हुए कोरोना ब्लॉस्ट ने समूचे सरकारी तंत्र को ऊपर से लेकर नीचे तक हिलाकर रख दिया है। स्पष्ट है कि जिस बात का अंदेशा था हुआ भी वही। पत्रिका ने तीन दिन पहले ही बताया था कि ‘खतरा अभी टला नहीं… क्योंकि 77 हजार होम क्वारंटाइन में हैं, टेस्ट हुए सिर्फ 2300। यानी की इन 77 हजार लोगों में अगर एक प्रतिशत भी संक्रमित हुए तो यह कम्प्यूनिटी स्प्रेड होगा। जो स्थिति कटघोरा में बनती दिखाई दे रही है।
यह खतरा इसलिए भी बहुत बड़ा है क्योंकि एक जमाती किशोर से अभी सात लोगों में वायरस पहुंचा है, न जाने उसने और इन सात लोगों ने कितनों को संक्रमित किया होगा।
कटघोरा पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम-
डॉ. कमलेश जैन, राज्य नोडल अधिकारी- टीम का नेतृत्व करेंगे। डॉ. जैन पं. जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के कम्प्यूनिटी मेडिसीन विभाग में प्रोफेसर हैं और स्वास्थ्य संचालनालय में आईडीएसपी के राज्य नोडल अधिकारी। उनके साथ स्टेट हेल्थ रिसोर्स सेंटर के सीनियर कंसल्टेंट समीर गर्ग, डब्ल्यूएचओ के डॉ. प्रनीत फटाले, एसपीओ जितेंद्र कुमार और एनयूएचएम के प्रदीप टंडन टीम का हिस्सा हैं। ये कोरबा सीएमएचओ को तकनीकी सपोर्ट देंगे। कम्प्यूनिटी सर्विलेंस में मदद करेंगे।
हर व्यक्ति की जांच के आदेश दिए हैं
कटघोरा के सभी व्यक्ति की जांच के निर्देश स्वास्थ्य सचिव और कलेक्टर को जारी किए गए हैं। यहां पिछले २० दिनों में आने-जाने हर व्यक्ति को क्वारंटाइन करने कहा गया है।
भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री