विशेष टीम खोलेंगी शी-बॉक्स
इन बॉक्स को खोलने के लिए विशेष टीमें गठित की जाएंगी। जो हर रोज एक तय समय पर इन शी-बॉक्स को खोलेंगी। फिर शिकायत मिलने के बाद टीम के सदस्य उन महिलाओं से खुद संपर्क करेंगे। अगर इस आरंभिक जांच में उन्हें तथ्य सही लगते हैं तो फिर उसे आगे की कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। जिसके बाद पुलिस कार्रवाई वाली शिकायतों में उनकी मदद ली जाएगी।
ऐसे होगा शिकायत का निराकरण
शी-बॉक्स का मतलब है ‘सेक्सुअल हैरसमेंट इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स’. इसमें आई कोई भी शिकायत सीधे संबंधित मंत्रालय, विभाग की इंटरनल कंप्लेन कमेटी के पास भेज दी जाएगी। जिसके पास इसकी जांच का अधिकार होगा। इंटरनल कंप्लेन कमेटी नियमों के मुताबिक कार्रवाई करेगी और शिकायत की स्थिति भी पीडि़त को बताती रहेगी।
इस तरह की शिकायतों पर फोकस
इसके जरिए महिलाएं घरेलू हिंसा या शोषण, दुष्कर्म, यौन उत्पीडऩ जैसी अन्य घटनाओं की शिकायत कर सकती हैं। इनके जरिए शारीरिक व मानसिक तौर पर परेशान, जरूरतमंद महिलाएं भी अपनी फरियाद प्रशासन तक पहुंचा सकती हैं।
यहां भी कर सकती हैं शिकायत
हेल्पलाइन नंबर (181) और (1091) …। पुलिस के कंट्रोल रूम नंबर 112 पर भी महिलाएं किसी मुसीबत के वक्त मदद के लिए कॉल कर सकती हैं।
181, 112 नंबर पर रात को आप अकेली कहीं खड़ी हैं, तो कॉल कर सकती हैं। पुलिस की टीम आपको आपके घर तक छोड़कर आएगी।
केंद्र सरकार ने शुरू की थी मुहिम
केंद्र सरकार के महिला व बाल विकास मंत्रालय ने 24 जुलाई 2017 को यौन उत्पीडऩ इलेक्ट्रॉनिक्स बॉक्स (शी-बॉक्स) की शुरूआत की थी। यह ऑनलाइन पोर्टल पर शिकायत का माध्यम था। इसमें कार्यस्थलों पर उत्पीडऩ की शिकार महिलाएं अपनी शिकायत भेज सकती हैं। इससे पहले यह सुविधा केवल सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों हेतु ही उपलब्ध कराई गई थी, इसके बाद इसे निजी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के लिए भी उपलब्ध कराया गया।